World Book Day Celebration Importance of Books Highlighted in Sita Marhi ‘ पुस्तकें हमारी सोच व कल्पना को बढ़ाती है,, Sitamarhi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsSitamarhi NewsWorld Book Day Celebration Importance of Books Highlighted in Sita Marhi

‘ पुस्तकें हमारी सोच व कल्पना को बढ़ाती है,

सीतामढ़ी में विश्व पुस्तक दिवस पर कला-संगम और पं. चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक संस्थान द्वारा विचार गोष्ठी एवं कवि गोष्ठी का आयोजन हुआ। वक्ताओं ने पुस्तक के महत्व पर प्रकाश डाला और मोबाइल संस्कृति की...

Newswrap हिन्दुस्तान, सीतामढ़ीThu, 24 April 2025 01:55 AM
share Share
Follow Us on
‘ पुस्तकें हमारी सोच व कल्पना को बढ़ाती है,

सीतामढ़ी। विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर बुधवार को कला-संगम एवं पं. चंद्रशेखर धर शुक्ल साहित्यिक व सांस्कृतिक संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में भूपभैरो कांटा चौक स्थित सभागार में विचार गोष्ठी सह कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण चिकित्सक राष्ट्रीय मंच के प्रभारी अध्यक्ष डॉ. रामा शंकर सिंह व संचालन गीतकार गीतेश ने किया। वक्ताओं ने कहा कि पुस्तकें हमें ज्ञान से समृद्ध करती हैं, हमारी सोच और कल्पना को बढ़ाती है, साथ ही हमें सही और गलत में फैसला लेने में मदद करती है। हमारी मानसिक मजबूती के लिए भी किताबें जरूरी है, लेकिन मोबाइल संस्कृति के इस दौर में लोगों ने किताबों से दूरी बना ली है। जिसके दुष्परिणाम हमें देखने को मिल रहे है। अब भी यदि हम सचेत नहीं हुए तो भविष्य में और भी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। हमें कदापि नहीं भूलना चाहिए कि किताबें समय के महासागर में जलदीप की तरह रास्ता दिखाती हैं। वक्ताओं में डॉ. रामा शंकर सिंह, समाजसेवी रेणु सिंह कुशवाहा, राम नरेश सिंह, संजय कुमार, विशाल कुमार, श्याम कुमार पिंटू, चंदन सिंह मुख्य थे। द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का आगाज करते हुए गीतकार गीतेश ने अपनी रचना ‘ जिंदगी एक उलझा हुआ हिसाब है, जिसमें कुछ कांटें कुछ गुलाब हैं, उलझनें सारी खुद ही सुलझ जायेंगी, पास में यदि आपके अच्छी-सी किताब है से पुस्तक के महत्त्व को दर्शाया।

जनवादी लेखक संघ के जिलाध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह की कविता ‘ वो एक गुलाब लेकर आया है, शायद मेरे जख्मों का हिसाब लेकर आया है, पल-पल बदलती रहती है फितरत उसकी, इस बार वफादारी की किताब लेकर आया है ने माहौल को जवां बना दिया। युवा कवि सचिन सिंह की रचना ‘ आज के युवा दूर हो रहे हैं बुक से, दिन भर चिपके रहते हैं फेसबुक से ने आज की हकीकत को बयां किया और श्रोताओं की भरपूर वाहवाही बटोरी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।