सूबे में में खद्यान्न आपूर्ति में निचले पायदान पर चल रहा सीवान
सीवान जिले में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के दौरान धान की खरीदारी 15 फरवरी को समाप्त हो गई। अब 1400 लॉट चावल की आपूर्ति शेष है। समितियों पर ऋण का बोझ बढ़ रहा है और आपूर्ति में कमी के चलते शाखा प्रबंधक...

सीवान, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। जिले में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 धान अधिप्राप्ति के दौरान पैक्स व व्यापार मंडलों द्वारा धान की खरीदारी 15 फरवरी को ही समाप्त हो गई। इसके बाद से खरीदे गए धान को टैग किए गए मिलों से कुटाई करा आपूर्ति का कार्य चल रहा है। इसके लिए भी विभाग की ओर से समय सीमा निर्धारित है। इसके अंदर धान की खरीदारी करने वाले पैक्स व व्यापार मंडल को चावल की अपूर्ति हर हाल में कर देनी होगी। अन्यथा समितियों के साथ-साथ संबंधित प्रखंड के बीसीओ इसके लिए जिम्मेवार होंगे। पिछले दिनों जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में नौ अप्रैल को जिला टास्क फोर्स की बैठक हुई थी। इसमें जिलाधिकारी ने चावल आपूर्ति में जिले राज्य में निचले पायदान पर देख नाराजगी व्यक्त थी। इसके बाद से आनन-फानन में सीएमआर को जल्द से जल्द राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति करने की कार्रवाई जिला सहकारिता विभाग और सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक ने शुरू की है। इसको लेकर प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के शाखा प्रबंधक एवं मुख्यालय के वरीय अधिकारियों की टीम गठित की है। साथ ही इन्हें चावल आपूर्ति में कोताही बरतने वाली समितियों एवं मिलों से संपर्क कर हर हाल में समय सीमा के अंदर चावल की आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए निर्देशित किया गया है। अभी जिले में करीब 1400 लॉट चावल की अपूर्ति शेष बताते चलें कि जिले में खरीफ विपणन मौसम वर्ष 2024-25 में 97337.428 एमटी यानी 2248 लॉट धान की खरीदारी हुई थी। अब इसके 65216.076 एमटी यानी 2248 लॉट सीएमआर राज्य खाद्य निगम के केन्दों पर समितियों को आपूर्ति करना है। परन्तु अभी तक संलग्न समितियों ने 23896.00 एमटी यानी 824 लॉट ही सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को की है। शेष 1424 लॉट सीएमआर की आपूर्ति अभी भी किया जाना है। अभी तो सीएमआर आपूर्ति का जो आंकड़ा है, वह 50 प्रतिशत से भी कम है। जबकि धान खरीदारी की तिथि समाप्त हुए दो माह से अधिक दिन हो गए। समितियों पर बढ़ रहा ब्याज का बोझ, बैंक को सता रही ऋण की राशि चिंता सीएमआर की आपूर्ति नहीं किये जाने के कारण बैंक की बड़ी ऋण राशि समितियों के यहां बकाया है। यह राशि समय से बैंक को वापस लौट आए। इसके लिए विभागीय निदेशानुसार समितियों द्वारा समय पूर्व सीएमआर की आपूर्ति राज्य खाद्य निगम को किया जा सके। इसके लिए अनुश्रवण को लेकर शाखावार व प्रखंडवार बैंक कर्मियों को प्रतिनियुक्त किया गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि संबंधित पैक्स व वयापारमंडलों के अध्यक्ष, प्रबंधकों एवं प्रखण्ड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी तथा राईस मिलर से समन्वय स्थापित करते हुए बकाये सीएमआर को राज्य खाद्य निगम के संग्रहण केन्दों पर आपूर्ति कराना सुनिश्चित करें। शाखा प्रबंधक एवं शाखा के सभी कर्मी व्यक्तिगत रूप से होंगे जिम्मेवार सीएमआर आपूर्ति से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट प्रतिदिन धान अधिप्राप्ति व्हाट्सएप ग्रुप में अपलोड करने के लिए प्रतिनियुक्त कर्मियों को निर्देश दिया गया है। ज्ञातव्य हो क्रि 140-150 करोड़ रूपये का सीएमआर अभी भी एसफसी को आपूर्ति करना शेष है। इसलिए प्रबंधन निदेशक ने साफ-साफ निर्देश दिया है कि जिस भी शाखा से संबंधित सीएमआर आपूर्ति नहीं होती है, तो शाखा प्रबंधक एवं शाखा के सभी कर्मी व्यक्तिगत रूप से जिम्मेवार होगें। अन्य ऋण के तरह धान अधिप्राप्ति के सीसीपी ऋण को भी वसूली में शाखा स्तर से रूची लेगें। अगर किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही बरतने की बात सामने आई तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यालय स्तर पर इन पदाधिकरियों टीम में शामिल मुख्यालय और प्रखंड स्तर पर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने ससमय सीएमआर की आपूर्ति के लिए टीम गठित किया है। इसमें मुख्यालय स्तर पर प्रशासी अधिकारी आलोक कुमार वर्मा, मुख्य सहकारिता प्रसार पदाधिकारी मनीष कुमार, ऋण पदाधिकारी, मुख्यालय पंकज कुमार चौधरी, सहकारिता प्रसार पदाधिकारी, कार्तिक कुमार चौधरी, सहायक, मुख्यालय मंतोष कुमार तिवारी शामिल है।
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