Severe Rain and Wind Damage Farmers Crops in Kishanpur Urgent Relief Requested सुपौल : काल बनकर आई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी, Supaul Hindi News - Hindustan
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सुपौल : काल बनकर आई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

किशनपुर में बुधवार रात तेज हवा और बारिश ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है। गेहूं, मक्का, आम और लीची जैसी फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों ने सरकार से क्षतिपूर्ति की मांग की है। बारिश से न...

Newswrap हिन्दुस्तान, सुपौलFri, 11 April 2025 02:39 AM
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सुपौल : काल बनकर आई बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी

किशनपुर, एक संवाददाता। प्रखंड क्षेत्र में बुधवार की रात तेज हवा के साथ हुई बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। खेतों में लहलहा रही गेहूं, मक्का सहित अन्य फसलें जमीन पर गिर गई है। आम और लीची को भी नुकसान पहुंचा है। किसान व्यापक पैमाने पर हुई क्षति का आकलन कर सरकार से क्षतिपूर्ति देने की मांग कर रहे हैं। सबसे अधिक तेलहन एवं दलहन फसलों को नुकसान पहुंचा है, जबकि गेहूं की फसलों के साथ-साथ सब्जी की फसलों की भी भारी क्षति हुई है। अब पैदावार में भारी गिरावट होने की संभावना प्रबल हो गई है। किसानों ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान गेहूं की फसल को हुआ है। प्रकृति की मार के आगे बेबस किसानों की सुधि लेने वाला कोई नहीं है। कई किसानों ने कर्ज लेकर और जेवरात बंधक रखकर इस उम्मीद से नगदी फसल लगाए थे कि अच्छी पैदावार होने पर लाभ होगा, लेकिन सब कुछ चौपट हो गया। किसान रामकिशुन साह, नत्यिानंद झा, हर्षनाथ झा, रामलोचन, साह, मुकेश यादव, रामस्वरूप यादव, बलदेव यादव, महावीर झा, सदानंद सदा, मोहन पासवान आदि ने बताया कि बुधवार की देर रात काल बनकर आई बारिश किसानों के महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया। खेतों में कट कर पड़ी फसल भींग गई, जिससे भारी नुकसान हुआ है। बताया कि वे गेहूं की कटाई अंतिम चरण में है। अधिकांश खेतों में फसल कट चुकी है और भूसा भी खेतों में ही रखा गया है। किसान दिन-रात मेहनत कर फसल को घर पहुंचाने की तैयारी में जुटे थे, लेकिन अचानक आसमान में छाए बादलों और वज्रपात के साथ हुई तेज बारिश ने सारी उम्मीदों को तोड़ दिया। बताया कि बारिश से न सर्फि फसल भींग गई है बल्कि उसकी गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। अब फसल को थ्रेशर से कतरना भी मुश्किल हो गया है। क्योंकि गेहूं पूरी तरह से गीला हो चुका है। वहीं भूसा भी भींग गया है, जिससे उसका उपयोग तत्काल नहीं हो सकेगा। किसानों ने प्रशासन से सहायता की मांग की है। उनका कहना है कि यदि जल्द राहत नहीं मिली तो उन्हें भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। विभाग को क्षति का आकलन करना चाहिए।

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