बिहार की वंदे भारत ट्रेनें एक घंटे की देरी से क्यों चल रही हैं, यात्री भी नाराज
Vande Bharat Express: बख्तियारपुर से मोकामा, मोकामा से लखीसराय के बीच ट्रेन बिना ठहराव वाले स्टेशनों पर भी रुक रही हैं। पटना आने के दौरान आसनसोल और जामताड़ा के आसपास औसत 20 मिनट तक ट्रेन लेट हो रही है। पटना से रांची और टाटानगर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन औसत दस मिनट की लेटलतीफी है।

बिहार की वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ट्रेनें अधिकतम एक घंटे तक की देरी से चल रही हैं। इन ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रतिघंटे है। लेकिन यह कहीं 74 तो कहीं 64 किमी प्रतिघंटे की औसत रफ्तार से चल रही हैं। पटना से विभिन्न शहरों के लिए चार वंदे भारत ट्रेनें चल रही हैं। अधिकारियों के अनुसार सामान्य तौर पर ये समय से चल रही हैं। तकनीकी खराबी या अन्य ट्रेनों की लेटलतीफी से कभी कभार लेट हो रही हैं। पटना-न्यूजलपाईगुड़ी मार्ग पर सबसे ज्यादा लेटलतीफ रही है। किशनगंज, बेगूसराय, खगड़िया के आसपास अघोषित ठहराव वाले स्टेशनों पर ज्यादा देर रुक रही हैं।
चार मई को यह ट्रेन एक घंटे एक मिनट की देरी से आईं और तीन मई को भी यह ट्रेन 41 मिनट लेट चलीं। लखनऊ-पटना वंदे भारत भी 15 से 24 मिनट की लेटलतीफी से चल रही है। चार मई को यह 24 मिनट लेट से आई। डीडीयू से आरा और आरा से पटना के बीच ज्यादा लेट हो रही। इधर हावड़ा-पटना वंदे भारत हर दिन 11 से 15 मिनट लेट हो रही है।
बख्तियारपुर से मोकामा, मोकामा से लखीसराय के बीच ट्रेन बिना ठहराव वाले स्टेशनों पर भी रुक रही हैं। पटना आने के दौरान आसनसोल और जामताड़ा के आसपास औसत 20 मिनट तक ट्रेन लेट हो रही है। पटना से रांची और टाटानगर जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन औसत दस मिनट की लेटलतीफी है। पिछले एक हफ्ते में यह ट्रेन दो दिन आधे घंटे से अधिक लेटलतीफ रही है।
अधिक किराये के बावजूद लेटलतीफी से यात्री नाराज
न्यू जलपाईगुड़ी-पटना वंदे भारत के नियमित यात्री सोनू कुमार ने बताया कि किशनंगज में यह ट्रेन आने और जाने के क्रम में देर कर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शिकायत भी की है। एक तो किराया ज्यादा है, लेटलतीफी अलग से हैं। राकेश ने कहा कि एक तो वंदे भारत सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की औसत रफ्तार बहुत कम है।
उस पर से घंटे भर तक की लेटलतीफी से सफर का आनंद नष्ट हो जा रहा है। पूमरे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने कहा कि लगातार मॉनिटरिंग हो रही है। कुछ तकनीकी कारणों से कुछ मार्ग पर व्यवधान आने पर यह संभव है कि लेटलतीफी हुई हो।