स्किल डेवलपमेंट के जरिए छात्र - छात्राओं का भविष्य संवार रहा एक्सिस कॉलेजेज़
वैश्विक उद्योग जगत व्यावहारिक दक्षताओं और नवाचार की मांग कर रहा है।

वैश्विक उद्योग जगत व्यावहारिक दक्षताओं और नवाचार की मांग कर रहा है। ऐसे में जब देश की युवा पीढ़ी अपने भविष्य को लेकर संशय में हो, तो ज़रूरत होती है उन संस्थानों की जो केवल डिग्री नहीं, दिशा भी दें। उत्तर प्रदेश का एक्सिस कॉलेजेज़ इसी दिशा में एक ऐसा प्रयास है, जिसने शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने का बीड़ा उठाया है।
Tomorrow First एक नारा नहीं, एक दृष्टिकोण है जिसे एक्सिस कॉलेजेज़ ने सिर्फ अपनाया नहीं, उसे ज़मीन पर उतारा भी है। और इस संकल्प की परिणति हुई है उद्योग के दिग्गजों के साथ साझेदारी में, जिसमें Google, Microsoft, Cisco, AWS, UiPath, Bentley, Juniper Networks और Samatrix जैसी वैश्विक कंपनियां शामिल हैं। यह केवल नामों की सूची नहीं, बल्कि बदलती शिक्षा की वह बुनियाद है जिस पर भारत का कौशलयुक्त कल निर्माणाधीन है।
Centre of Excellence में मिल रही रोजगारपरक ट्रेनिंग
कॉलेज परिसर में स्थापित किए गए Centre of Excellence यानी उत्कृष्टता केंद्र, आज की शिक्षा में वह संजीवनी हैं, जो छात्रों को क्लासरूम से सीधे करियर की राह दिखाते हैं। इनमें न केवल सर्टिफाइड ट्रेनिंग मिल रही है, बल्कि लाइव इंडस्ट्री प्रोजेक्ट्स, हैंड्स-ऑन सेशंस और इंटर्नशिप जैसी व्यवस्थाएं छात्रों को पढ़ाई के दौरान ही उद्योग की भाषा सिखा रही हैं।
यह समझना ज़रूरी है कि कौशल विकास केवल तकनीकी पाठ्यक्रमों तक सीमित नहीं होना चाहिए। एक्सिस कॉलेजेज़ ने इस सोच को विस्तार दिया है। यहां बी.फार्मा, बी.एससी माइक्रोबायोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी जैसे पारंपरिक विषयों में भी Artificial Intelligence, Data Analysis और Machine Learning जैसे आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण शामिल किए गए हैं। यह बदलाव दर्शाता है कि संस्थान भविष्य की नब्ज को समझता है और छात्रों को उस अनुरूप गढ़ रहा है।
इसका परिणाम भी स्पष्ट है छात्रों को देश-विदेश की अग्रणी कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर मिल रहे हैं, और कैंपस प्लेसमेंट दर में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है। इसके साथ ही एक नया चलन भी उभर रहा है
कई छात्र अब नौकरी की कतार में नहीं, बल्कि Startup Ecosystem की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उनका आत्मविश्वास इस बात का परिचायक है कि शिक्षा ने उन्हें केवल पढ़ाया नहीं, बल्कि सक्षम भी बनाया है।
यह प्रयास उत्तर प्रदेश के शिक्षा परिदृश्य में एक नये युग का सूत्रपात कर रहा है। एक ऐसा युग जहां कॉलेज महज़ डिग्री प्रदान करने वाला भवन नहीं, बल्कि कौशल निर्माण की प्रयोगशाला बन गया है।
शिक्षा और उद्योग की दूरी को पाट रहा एक्सिस कॉलेजेज़
आज जब देश Skill India, Digital India और Startup India जैसे अभियानों की ओर अग्रसर है, तब एक्सिस कॉलेजेज़ का यह कदम शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को पाटने वाला सेतु बनता जा रहा है। ऐसे संस्थान हमारे युवाओं को सिर्फ नौकरी के योग्य नहीं बनाते, बल्कि उन्हें भविष्य का निर्माता भी बनाते हैं।
शिक्षा वही सार्थक है, जो जानकारी देने के साथ - साथ दिशा भी दिखाती है। एक्सिस कॉलेजेज़ ने यह साबित कर दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो भारत का युवा विश्वपटल पर चमक सकता है और वह भी अपनी शर्तों पर क्योंकि अंततः कल की चुनौतियों का समाधान आज के कौशल यानी स्किल डेवलेपमेंट में ही निहित है।
अस्वीकरण : इस लेख में किए गए दावों की सत्यता की पूरी जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति/ संस्थान की है।
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