उसने बुक किया उबर और कैब ड्राइवर बनकर पहुंचा उसका बॉस, स्टोरी पढ़कर रह जाएंगे दंग
Viral Story: एक यूजर ने व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया कि उसने उबर से कैब बुक की। जब गाड़ी आई, तो ड्राइवर उनके ऑफिस के एक सीनियर लीडर निकले। हैरानी की बात यह थी कि यह लीडर पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि…

भारत की टेक राजधानी बेंगलुरु, जिसे इंडियन सिलिकॉन वैली कहा जाता है। यह न केवल आईटी सेक्टर के लिए मशहूर है, बल्कि यहां के लोगों की महत्वाकांक्षा और 'हर समय काम' की लाइफ स्टाइल भी चर्चा में रहती है। यहां के पेशेवर अक्सर पैसे या शौक के लिए एक से अधिक काम करते हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट ने इसी जीवनशैली की अनोखी मिसाल पेश की।
द इकनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक एक यूजर ने व्हाट्सएप चैट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए बताया कि उन्होंने उबर से कैब बुक की। जब गाड़ी आई, तो ड्राइवर उनके ऑफिस के एक सीनियर लीडर निकले। हैरानी की बात यह थी कि यह लीडर पैसे कमाने के लिए नहीं, बल्कि ऑफिस की रूटीन लाइफ से बोरियत दूर करने के लिए यह काम कर रहे थे। उनका कहना था कि गाड़ी चलाने से उन्हें नए लोगों से मिलने और शहर घूमने का मौका मिलता है।
सोशल मीडिया पर वायरल
यह किस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। कई यूजर्स ने इसे बेंगलुरु की 'हस्टल कल्चर' की सही तस्वीर बताया। लोगों ने कहा कि यहां टेक पेशेवरों का एक ही दिन में बोर्डरूम मीटिंग्स और कैब ड्राइविंग जैसे अलग-अलग काम करना आम बात है। कुछ ने मजाक में कहा, "बेंगलुरु में आपका बॉस दिन में आपका प्रोजेक्ट रिव्यू करेगा और शाम को आपको घर छोड़ने आ जाएगा।"
हालांकि, सभी को यह बात हंसी-मजाक की नहीं लगी। कुछ ने सवाल उठाए, "भला कोई बेंगलुरु की ट्रैफिक जाम में इतनी मेहनत से ड्राइविंग क्यों करेगा? यह तो समय बर्बादी है।" कुछ को लगा कि शायद इस लीडर को पैसों की जरूरत है, लेकिन वे इसे छिपा रहे हैं। वहीं, कुछ यूजर्स ने कहा कि महंगाई के दौर में अतिरिक्त कमाई करना गलत नहीं, चाहे आप कितने भी बड़े पद पर क्यों न हों।
बेंगलुरु में कुछ भी असंभव नहीं
इसी तरह का एक वाकया कुछ महीने पहले सामने आया था, जब एक शख्स ने बताया कि उन्होंने 'नम्म यात्री' ऐप से ऑटो बुक किया, और ड्राइवर एक माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियर निकले। वह इंजीनियर वीकेंड में ऑटो चलाकर अपनी अकेलापन दूर करते थे। लोगों ने उनकी माइक्रोसॉफ्ट हुडी पहने और ऑटो चलाते फोटो को शेयर करते हुए लिखा, "बेंगलुरु में कुछ भी असंभव नहीं।"
बदल रही नौकरियों की परिभाषा
ये किस्से दिखाते हैं कि आज के समय में नौकरियों की परिभाषा बदल रही है। बेंगलुरु जैसे शहरों में लोग सिर्फ पैसे या करियर के लिए नहीं, बल्कि नए अनुभव और मानसिक संतुष्टि के लिए भी अलग-अलग काम करते हैं। चाहे वह ऑफिस के बाद कैब चलाना हो या सॉफ्टवेयर इंजीनियर का ऑटो ड्राइवर बनना। यहां हर चुनाव शहर की गतिशील और रचनात्मक भावना को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, यह कहानी बेंगलुरु की उस भावना को दिखाती है, जहां काम और जीवन के बीच की रेखाएं धुंधली होती जा रही हैं। यह शहर न सिर्फ सपनों को पंख देता है, बल्कि उन्हें अजीबोगरीब तरीकों से जीने की आजादी भी देता है।