शेयर बाजार में हाहाकार, एक ही दिन निवेशकों को ₹1.5 लाख करोड़ का नुकसान, पढ़ें 5 बड़ी वजह
Why Indian Stock Market Crash Today: भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में मंगलवार को 1% से अधिक की गिरावट आई।

Why Indian Stock Market Crash Today: भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी में मंगलवार को 1% से अधिक की गिरावट आई। जबकि सोमवार को चार सालों में सबसे अधिक एक दिवसीय बढ़ोतरी देखी गई थी। सोमवार को शेयर बाजार में तेजी पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम की खबरों के बाद आई थी। दोपहर 2:20 बजे बीएसई सेंसेक्स 1,315 अंक या 1.59% गिरकर 81,114 पर आ गया, जबकि निफ्टी 358 अंक या 1.44% गिरकर 24,565 पर आ गया था। अंत में सेंसेक्स 1,282 अंक या 1.55 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,148.22 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 50 346 अंक या 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,578.35 पर बंद हुआ।
निवेशकों को तगड़ा नुकसान
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल मार्केट कैप पिछले सत्र के ₹432.56 लाख करोड़ से घटकर लगभग ₹431 लाख करोड़ रह गया, जिससे निवेशकों को एक ही सत्र में लगभग ₹1.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ है। बता दें कि मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट ने बेहतर प्रदर्शन किया। बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स क्रमशः 0.17 प्रतिशत और 0.99 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुए।
शेयर बाजार में गिरावट के 5 कारण
1. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा स्टील और एल्युमीनियम पर टैरिफ लगाए जाने के विरोध में अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने के प्रस्ताव के साथ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से संपर्क किया है। रिपोर्ट ने संकेत दिया है कि व्यापार युद्ध की चिंताएं खत्म नहीं हुई हैं, भले ही अमेरिका और भारत के बीच चल रही बातचीत जारी है।
2. भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने के बाद पिछले सत्र में भारतीय शेयर बाजार के बेंचमार्क में करीब 4 फीसदी की उछाल आई। यह तेज उछाल मुख्य रूप से शॉर्ट कवरिंग के कारण हुआ, जिसके कारण खुदरा निवेशकों ने मुनाफावसूली की।
3. कुछ एनालिस्ट का मानना है कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते का भारतीय शेयर बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि इससे 'भारत बेचो, चीन खरीदो' की धारणा फिर से जोर पकड़ सकती है और भारतीय इक्विटी से विदेशी पूंजी का प्रवाह फिर से बढ़ सकता है। विजयकुमार ने कहा, "घरेलू बाजार बहुत कम समय में लचीला रह सकता है, लेकिन एक बड़ा मुद्दा अमेरिका और चीन के बीच व्यापार समझौता है। इससे फिर से 'भारत बेचो, चीन खरीदो' की प्रवृत्ति शुरू हो सकती है।"
4. एनालिस्ट के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान के बीच की स्थिति को लेकर बाजार में डर बरकार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करने और पाकिस्तान को गलत हरकतों के खिलाफ चेतावनी देने के बाद, विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान की ओर से भी कुछ जवाबी कार्रवाई हो सकती है। इस बीच, सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन के तुरंत बाद, सांबा में 10 से 12 ड्रोन को रोका गया, जिससे क्षेत्र और जम्मू में लगातार चौथी रात ब्लैकआउट हो गया।
5. भारत-पाकिस्तान के मोर्चे पर अनिश्चितता बनी हुई है, इसलिए घरेलू बाजार में इस समय अपनी तेजी को बनाए रखने के लिए नए सकारात्मक उत्प्रेरकों का अभाव है। देश के स्वस्थ आर्थिक परिदृश्य और Q1FY26 में प्रत्याशित आय पुनरुद्धार के साथ, खुदरा निवेशक उच्च रिटर्न की तलाश में लार्ज-कैप से मिड- और स्मॉल-कैप शेयरों में फंड घुमाते हुए दिखाई दे रहे हैं।