strict monitoring of accounts opened without pan banks will seize fake accounts to prevent cyber crime साइबर क्राइम रोकने के लिए बैंक फर्जी अकाउंट को करेंगे जब्त, बिना पैन खुले खातों की कड़ी निगरानी, Business Hindi News - Hindustan
Hindi Newsबिज़नेस न्यूज़strict monitoring of accounts opened without pan banks will seize fake accounts to prevent cyber crime

साइबर क्राइम रोकने के लिए बैंक फर्जी अकाउंट को करेंगे जब्त, बिना पैन खुले खातों की कड़ी निगरानी

  • सरकार ने पिछले साल 4.5 लाख से अधिक खातों को बंद किए। इस साल अब तक 17 हजार करोड़ रुपये की ठगी के मामले सामने आ चुके हैं। जबकि, 1 लाख साइबर फ्रॉड की कंप्लेन दर्ज हुई है।

Drigraj Madheshia हिन्दुस्तान टीमMon, 14 April 2025 05:28 AM
share Share
Follow Us on
साइबर क्राइम रोकने के लिए बैंक फर्जी अकाउंट को करेंगे जब्त, बिना पैन खुले खातों की कड़ी निगरानी

फर्जी खातों के जरिए साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए बैंकों ने अवैध लेनदेन में शामिल खातों (म्यूल अकाउंट) को जब्त करने का अधिकार सरकार से मांगा है। उनका कहना है कि अधिकारियों से अनुमति लेने में कीमती समय बर्बाद किए बिना तेजी से कदम उठाने के लिए ऐसा जरूरी है। भारतीय बैंक संघ के एक कार्यसमूह ने अपनी रिपोर्ट में इसका प्रस्ताव रखा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि धोखेबाज बैंकिंग सिस्टम के जरिए अवैध रूप से धन की हेराफेरी करने के लिए फर्जी खातों का उपयोग करते हैं। बैंक हर साल ऐसे हजारों खातों को जब्त करते हैं, लेकिन धोखेबाज सिस्टम में खामियों का फायदा उठाकर जल्दी से नए खाते बना लेते हैं।

इनसे निपटने के लिए बैंक बिना समय गंवाए और प्राधिकरणों की अनुमति लिए अवैध ट्रांजैक्शन में शामिल ऐसे खातों को तुरंत बंद करने की शक्ति मांग रहे हैं। कार्यसमूह ने कहा है कि इसके मद्देनजर, हम भारतीय रिजर्व बैंक को सुझाव दे सकते हैं कि वह आगे इस पर विचार करे।

अभी खाता जब्त करने का अधिकार नहीं

वर्तमान में बैंक अपनी आंतरिक सतर्कता प्रणाली के आधार पर ऐसे खातों को अस्थायी रूप से फ्रीज या ब्लॉक करते हैं। हालांकि, धन शोधन रोधक अधिनियम (PMLA) के अनुसार उनके पास अदालत या कानून प्रवर्तन एजेंसियों (LEA) से मंजूरी लिए बिना ग्राहक खातों को जब्त करने का अधिकार नहीं है।

बिना पैन खुले खातों की कड़ी निगरानी

बैंकों ने प्रस्ताव दिया है कि स्थायी खाता संख्या (पैन) की अनुपस्थिति में मतदाता पहचान पत्र और फॉर्म 60 का उपयोग करके खोले गए बैंक खातों की कड़ी निगरानी हो। ऐसे खातों के सत्यापन के लिए निर्वाचन आयोग के आंकड़ों का उपयोग किया जाए और ऐसे खातों पर लेनदेन की संख्या सीमित की जाए। रिपोर्ट में यह सुझाव दिया गया है कि कृत्रिम मेधा (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) को लेनदेन निगरानी प्रणालियों से जोड़ा जा सकता है।

सभी एजेंसियों का सहयोग जरूरी

रिपोर्ट ने मनी म्यूल गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए एक खाका पेश किया है और कहा है कि इन उपायों को लागू करने के लिए वित्तीय संस्थानों, नियामकों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं की प्रतिबद्धता और सहयोग ज़रूरी होगा। साथ ही यह भी कहा गया कि इस खतरे से निपटने के लिए तकनीकी निवेश, कर्मचारियों का प्रशिक्षण और संबंधित हितधारकों के बीच सहयोग आवश्यक होगा।

क्या होते हैं म्यूल खाते

ये ऐसे बैंक खाते होते हैं, जो गैरकानूनी गतिविधियों से पैसा हासिल करने और उसे आगे भेजने का जरिया बनते हैं। भारत में ये खाते अक्सर ऐसे लोग खोलते हैं, जो कुछ पैसे, कमीशन या शुल्क लेकर दूसरे व्यक्ति को अपना बैंक इस्तेमाल करने देते हैं। इनका संचालन असल खाताधारक के स्थान पर कोई और व्यक्ति करता है। ये खाते किसी अन्य व्यक्ति के केवाईसी दस्तावेजों का उपयोग करके खोले जाते हैं।

पहचान आसान नहीं

हाल ही में हुई एक अध्ययन में पाया गया कि एक भारतीय बैंक में 10 में से 9 म्यूल खाते पकड़े नहीं गए। इन म्यूल खातों में शुरुआती गतिवधि भारत के भीतर ही शुरू होने के बावजूद बैंक इसे पकड़ नहीं पाया। बाद के चरण में लेनदेन के लिए इंटरनेशनल वीपीएन का इस्तेमाल किया गया।

जानें Hindi News, Business News की लेटेस्ट खबरें, शेयर बाजार का लेखा-जोखा Share Market के लेटेस्ट अपडेट्स Investment Tips के बारे में सबकुछ।