Action Against Private Schools Violating RTE Law in Gurugram आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई होगी, Gurgaon Hindi News - Hindustan
Hindi NewsNcr NewsGurgaon NewsAction Against Private Schools Violating RTE Law in Gurugram

आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई होगी

गुरुग्राम में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) कानून का पालन न करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग ने 242 स्कूलों को नोटिस जारी किया है। आरटीई के तहत गरीब बच्चों को मुफ्त दाखिला...

Newswrap हिन्दुस्तान, गुड़गांवFri, 25 April 2025 12:56 AM
share Share
Follow Us on
आरटीई के तहत बच्चों को दाखिला न देने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई होगी

गुरुग्राम। शिक्षा के अधिकार (आरटीई ) कानून के तहत गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को दाखिल नहीं देने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई होगी। कई स्कूल इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इसको लेकर अब शिक्षा विभाग एक्शन मोड़ में आ गई है। जो स्कूल गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दे रहे है। शिक्षा विभाग की ओर से 242 स्कूलों को नोटिस देकर जवाब मांगा है। 25अप्रैल तक बढ़ाई दाखिला तारीख

शिक्षा विभाग के अनुसार सरकार की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि आरटीई नियमों का पालन न करने वाले स्कूलों की पहचान की जाए। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। गरीब बच्चों का हक छीना नहीं जाएगा और सरकार इसे लेकर बिल्कुल भी ढिलाई नहीं बरती जाए। शिक्षा विभाग ने स्कूलों के रवैये को देखते हुए आरटीई के तहत आवेदन की आखिरी तारीख को तीसरी बार बढ़ाया है। पहले 14 अप्रैल, दोबारा 21 अप्रैल और अब इसे बढ़ाकर 25 अप्रैल 2025 कर दिया गया है। अब अभिभावक अपने बच्चों का ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

स्कूल जवाब नहीं देने पर मान्यता रद्द होगी

मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिश निर्देशों के अनुसार आरटीई योजना का लाभ खासतौर पर विभिन्न वर्गों के बच्चों को मिलेगा। इसमें एचआईवी प्रभावित बच्चे, विशेष जरूरत वाले (दिव्यांग) बच्चे, युद्ध में शहीद सैनिकों की विधवाओं के बच्चे,आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (इडब्ल्यूएस) के बच्चे, इन सभी बच्चों को नजदीकी प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त दाखिला होगा। नोटिस का जवाब नहीं देने पर निजी स्कूलों की मान्यता रदद करने की चेतावनी दी गई है।

25 प्रतिशत सीटें आरटीई के तहत आरक्षित है:

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि निजी स्कूलों को अपनी कुल दाखिला सीटों में से कम से कम 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के तहत आरक्षित करनी होंगी। इसमें 8% अनुसूचित जाति (एससी), 4% पिछड़ा वर्ग (बीसीए), 2.5% पिछड़ा वर्ग (बीसीबी), बाकी ईडब्लूएस और विशेष जरूरत वाले बच्चों के लिए होंगी। ये आरक्षण स्कूल की सबसे पहली कक्षा (जैसे नर्सरी या पहली) में ही लागू होगा और वहीं से ही आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

पोर्टल तीसरी बार खोला गया

हरियाणा में वर्तमान में कुल 10701 प्राइवेट स्कूल हैं. इनमें से 3134 स्कूलों ने अभी तक RTE के तहत आरक्षित सीटों का डेटा पोर्टल पर अपडेट नहीं किया है. ऐसे स्कूलों की जानकारी अब शिक्षा विभाग इकट्ठा कर रहा है और इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसलिए आरटीई कानून बना है

आरटीई कानून यानी शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लागू हुआ था। इसका मकसद 6 से 14 साल तक के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराना है। इससे गरीब और पिछड़े वर्गों के बच्चों को भी अच्छे स्कूलों में पढ़ने का मौका मिलता है। यदि कोई स्कूल इस कानून का पालन नहीं करता है, तो यह न सिर्फ कानून की अवहेलना है। कोई भी स्कूल यदि गरीब बच्चों को दाखिला नहीं देता है, तो यह बच्चों के हक का हनन है। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

शिक्षा विभाग के नोटिस स्कूलों में मचा हड़कंप

जिला शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन की ओर से 242 निजी स्कूलों नोटिस से हड़कंप मच गया है। अब तक इन स्कूलों में आरटीई के तहत दाखिले को टालते रहे हैं। उन्हें जल्द ही विभाग के नोटिस का जवाब देना है। यदि कोई स्कूल दाखिला नहीं देता है, तो उसकी मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।