Bihar Board 10th Scrutiny : बिहार बोर्ड 10वीं स्क्रूटिनी कल से, कहां अंक बढ़ने के चांस, ये चीजें होंगी चेक
- BSEB Bihar Board 10th Scrutiny 2025: बिहार बोर्ड 10वीं रिजल्ट जारी करने के बाद कल 4 अप्रैल 2025 से स्क्रूटिनी की आवेदन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है।

BSEB Bihar Board 10th Scrutiny 2025: बिहार बोर्ड 10वीं रिजल्ट जारी करने के बाद कल 4 अप्रैल 2025 से स्क्रूटिनी की आवेदन प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। जो छात्र अपने अंकों से असंतुष्ट हैं, वे 4 अप्रैल, 2025 से 12 अप्रैल 2025 तक स्क्रूटिनी के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। छात्र matric.bsebscrutiny.com पर जाकर एप्लाई कर सकते हैं। इसके अलावा मैट्रिक स्पेशल परीक्षा 2025 और मैट्रिक कंपार्टमेंटल परीक्षा 2025 के लिए भी 4 अप्रैल से 12 अप्रैल, 2025 तक अप्लाई किया जा सकता है। स्क्रूटिनी में यदि छात्र अंकों से संतुष्ट नहीं है तो छात्रों की उत्तर पुस्तिका की दोबारा जांच की जाती है।
स्क्रूटिनी में क्या क्या चेक होगा
- यदि उत्तरपुस्तिका के अन्दर के पृष्ठों में दिए गए अंक मुख पृष्ठ पर अंकित नहीं है, तो उसमें सुधार किया जाएगा।
- प्रदत्त अंकों के योग में यदि कोई त्रुटि हो, तो उसमें सुधार किया जाएगा।
- यदि कोई प्रश्न या उसके खण्ड का प्रश्नोत्तर अमूल्यांकित है, तो उसका मूल्यांकन कर प्राप्तांक में सुधार किया जाएगा।
- स्क्रूटिनी के परिणाम स्वरूप अंक बढ़ सकते हैं, घट सकते हैं या पहले जितने रह सकते हैं
कैसा रहा 10वीं का परिणाम
बिहार बोर्ड ने शनिवार 29 मार्च को रिकॉर्ड 29 दिनों में मैट्रिक वार्षिक परीक्षा 2025 का परिणाम जारी किया है। इस साल 15 लाख 98 हजार 077 परीक्षार्थियों में से 12 लाख 79 हजार 294 यानी 82.11 प्रतिशत सफल हुए हैं। हालांकि, पिछले वर्ष के मुकाबले यह 0.8% कम है। बिहार बोर्ड 10वीं में तीन स्टूडेंट्स ने टॉप किया है। समस्तीपुर की साक्षी कुमारी, भोजपुर के रंजन वर्मा और पश्चिमी चंपारण के गाहिरी की अंशु कुमारी ने संयुक्त रूप से टॉप किया है। तीनों के 489 मार्क्स ( 97.8 फीसदी) रहे। तीनों टॉपर मेहनतकशों के बच्चे हैं। साक्षी कुमारी के पिता बढ़ई हैं। अंशु कुमारी के पिता प्लंबर मिस्त्री हैं। जबकि रंजन वर्मा के पिता किसान थे। मां गृहिणी हैं। बिहार बोर्ड 10वीं के टॉप 10 स्टूडेंट्स में 123 बच्चे शामिल हैं। इसमें 60 छात्राएं और 63 छात्र हैं। तीन टॉपरों में भले ही दो लड़कियां हो, लेकिन गर्ल्स का ओवरऑल रिजल्ट लड़कों से खराब रहा। लड़कों का रिजल्ट 83.65 फीसदी जबकि लड़कियों का 80.67 फीसदी रहा।