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NEET टॉपर महेश केसवानी करना चाहते थे BA, मानी बहन की बात; पूरे देश में किया कमाल

NEET UG Result 2025: एनटीएन ने नीट परीक्षा 2025 का परिणाम जारी कर दिया है। इस साल राजस्थान के हनुमानगढ़ के महेश कुमार केसवानी ने रैंक 1 हासिल की है। आइए जानते हैं, महेश कुमार ने कैसे की नीट परीक्षा की तैयारी।

Himanshu Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 14 June 2025 05:29 PM
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NEET टॉपर महेश केसवानी करना चाहते थे BA, मानी बहन की बात; पूरे देश में किया कमाल

NEET topper Mahesh Kumar Keswani: देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET UG 2025 का परिणाम घोषित हो चुका है और राजस्थान के हनुमानगढ़ के महेश कुमार केसवानी ने ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल कर पूरे प्रदेश और देश को गर्व से भर दिया है। लेकिन इस सफलता के पीछे की कहानी उतनी ही प्रेरणादायक है, जितनी चौंकाने वाली है, क्योंकि महेश की पहली पसंद तो मेडिकल क्षेत्र थी ही नहीं। दरअसल, वे तो आर्ट्स लेकर बीए करना करना चाहते थे और यूपीएससी की तैयारी करना चाहते थे, लेकिन बहन की एक सलाह ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।

बहन की सलाह बनी टर्निंग प्वाइंट

महेश ने बताया कि शुरू में उनका सपना था कि वे सिविल सेवा में जाएं आईएएस या आईपीएस बनें। इसके लिए उन्होंने आर्ट्स विषय चुनने का मन बना लिया था। लेकिन तभी उनकी बड़ी बहन हिमांशी ने उन्हें बायोलॉजी पढ़ने का सुझाव दिया। बहन का मानना था कि महेश का गहरी सोच और पढ़ाई की प्रति निरंतर रहने की आदतें मेडिकल क्षेत्र में और भी बेहतर साबित होंगी। बस, यहीं से कहानी ने करवट ली।

पहली परीक्षा में किया टॉप

महेश ने साल 2022 में NEET की तैयारी शुरू की, लेकिन उम्र कम होने के कारण उस समय परीक्षा में नहीं बैठ पाए। इसके बाद लगातार दो साल तक जमकर मेहनत की। 4 मई 2025 को उन्होंने पहली बार नीट का एग्जाम दिया और उसी पहले प्रयास में देशभर में टॉप कर दिखाया कि अगर दिशा सही हो, तो मंजिल अपने आप मिल जाती है।

सीकर के गुरुकृपा कोचिंग में हुई तैयारी

महेश ने अपनी तैयारी राजस्थान के सीकर जिले की प्रसिद्ध गुरुकृपा कोचिंग से की। उन्होंने बताया कि कोचिंग संस्थान का अनुशासित माहौल, टेस्ट सीरीज और लगातार मिले मार्गदर्शन ने उन्हें पूरे दो साल तक ट्रैक से हटने नहीं दिया। महेश हर दिन 6 से 7 घंटे नियमित पढ़ाई करते थे। लेकिन परीक्षा के एक महीने पहले उन्होंने अपनी रणनीति बदल दी। अब वह रट्टा लगाने के बजाय स्मार्ट रिवीजन पर फोकस करने लगे और दिन में 4 से 5 घंटे पढ़ाई कर उस पर गहराई से सोचते थे।

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