gate and crowd management are not our jobs says ksca in high court in bengaluru stampede case बेंगलुरु भगदड़: गेट और भीड़ संभालना हमारी जिम्मेदारी नहीं…KSCA की हाई कोर्ट में दलील, अगली सुनवाई 16 जून को, Ipl Hindi News - Hindustan
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बेंगलुरु भगदड़: गेट और भीड़ संभालना हमारी जिम्मेदारी नहीं…KSCA की हाई कोर्ट में दलील, अगली सुनवाई 16 जून को

कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन यानी केएससीए ने बुधवार को आरसीबी के जश्न के दौरान बेंगलुरु में मची भगदड़ से पल्ला झाड़ लिया है। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हुई थी। KSCA ने कर्नाटक हाई कोर्ट में दलील दी है कि भीड़ को संभालना उसकी जिम्मेदारी नहीं है।

Chandra Prakash Pandey नई दिल्ली, भाषाFri, 6 June 2025 10:24 PM
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बेंगलुरु भगदड़: गेट और भीड़ संभालना हमारी जिम्मेदारी नहीं…KSCA की हाई कोर्ट में दलील, अगली सुनवाई 16 जून को

कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (केएससीए) ने विधान सौधा (विधानसभा) में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के आईपीएल ट्रॉफी समारोह के लिए अनुमति मांगी थी। इस बात की पुष्टि राज्य सरकार को भेजे गए एक पत्र से हुई है। इस बीच KSCA ने कर्नाटक हाई कोर्ट में दलील दी है कि गेट और क्राउड मैनेजमेंट उसकी जिम्मेदारी नहीं है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर हाई कोर्ट का रुख किया है।

विधान सौधा में हालांकि कार्यक्रम सुचारू रूप से हुआ लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई।

केएससीए खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अध्यक्ष रघुराम भट, सचिव ए शंकर और कोषाध्यक्ष ई एस जयराम ने कर्नाटक उच्च न्यायालय में कहा कि गेट प्रबंधन और भीड़ प्रबंधन महासंघ की जिम्मेदारी नहीं है।

केएससीए द्वारा तीन जून को राज्य सरकार को लिखे गए पत्र से पता चलता है कि क्रिकेट इकाई ने ‘डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स’ के लिए विधान सौधा में समारोह के लिए अनुमति मांगी थी।

केएससीए ने कहा कि संबंधित कंपनी इस आयोजन के लिए ‘आवश्यक व्यवस्थाएं’ करेगी।

केएससीए के पत्र के मुताबिक, ‘‘‘मेसर्स डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड’ की ओर से केएससीए यह सूचित करने का अनुरोध करता है कि तीन जून 2025 को टाटा आईपीएल 2025 फाइनल के बाद अगर रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु आईपीएल 2025 का खिताब जीतता है तो मेसर्स डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड विधान सौधा ‘ग्रैंड स्टेप्स’ में सम्मान समारोह की योजना बनाएगा।’’

महासंघ ने राज्य सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग (डीपीएआर) को जारी पत्र में लिखा है, ‘‘ केएससीए अनुरोध करता है कि मेसर्स डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स प्राइवेट लिमिटेड को विधान सौधा ग्रैंड स्टेप्स पर आवश्यक व्यवस्था करने की अनुमति दी जाए।’’

विधान सौधा में सम्मान समारोह बिना किसी बड़ी गड़बड़ी के संपन्न हो गया, लेकिन चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर अराजकता फैल गई।

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स्टेडियम के बाहर लाखों लोग आरसीबी के सोशल मीडिया आमंत्रण के बाद एकत्र हुए। इस आमंत्रण को हालांकि बाद में हटा दिया गया। अत्यधिक भीड़ के कारण रोड शो को रद्द कर दिया गया लेकिन स्टेडियम के अंदर समारोह जारी रहा।

स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत के अलावा 56 लोग घायल भी हुए। भगदड़ के बावजूद स्टेडियम के अंदर कार्यक्रम जारी रखने पर आयोजकों को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।

केएससीए ने राज्य उच्च न्यायालय में दलील दी है कि ‘उसके पदाधिकारियों को किसी भी तरह की गलती के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। वे इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं है।’’

संस्था ने अपनी रिट याचिका में कहा, ‘‘आईपीएल कार्यक्रम आरसीबी द्वारा अपने सेवा प्रदाता मेसर्स डीएनए नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से आयोजित किए जाते हैं और केएससीए की भूमिका बहुत सीमित है। केएससीए आयोजन स्थल और बुनियादी ढांचे उसे सौंपता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ गेटों का प्रबंधन आरसीबी फ्रेंचाइजी/डीएनए की जिम्मेदारी है जो पुलिस के निर्देश पर काम करते हैं।’’

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इसमें आगे कहा गया है कि ‘पुलिस ने बिना किसी प्रारंभिक जांच के अत्यधिक दबाव और मजबूर करने वाली परिस्थितियों में याचिकाकर्ता/केएससीए के सदस्यों को आरोपी बनाकर एफआईआर दर्ज की है।’

केएससीए पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार ने अगली सुनवाई तक पुलिस को पदाधिकारियों के खिलाफ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से रोक दिया।

अदालत ने याचिकाकर्ताओं को जांच में पूरा सहयोग करने का भी निर्देश दिया। एफआईआर रद्द करने की याचिका पर 16 जून को फिर सुनवाई होगी।

उच्च न्यायालय ने भी इस दुखद घटना का स्वतः संज्ञान लिया है और राज्य सरकार से ‘स्टेटस रिपोर्ट’ दाखिल करने को कहा है। इस पर 10 जून को सुनवाई होगी।

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