WTC फाइनल: जोश हेजलवुड के पक्ष में क्यों रवि शास्त्री? टीम इंडिया के सिरदर्द रहे बोलैंड पर तरजीह के गिनाए 2 कारण
टीम इंडिया के पूर्व कोच रवि शास्त्री अगले महीने होने वाले WTC फाइनल में जोश हेजलवुड को ऑस्ट्रेलियाई टीम में देखना चाहते हैं। उन्होंने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत के लिए सिरदर्द बनने वाले स्कॉट बोलैंड पर हेजलवुड को तरजीह देने के 2 कारण भी गिनाए हैं। WTC फाइनल 11 से 15 जून तक लॉर्ड्स में होगा।

भारत के पूर्व क्रिकेटर और कोच रवि शास्त्री ने कहा कि जून में लॉर्ड्स मैदान पर खेले जाने वाले विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में ऑस्ट्रेलिया को स्कॉट बोलैंड की जगह अनुभवी तेज गेंदबाज जोश हेजलवुड को चुनना चाहिए। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि दिग्गज ग्लेन मैकग्रॉ की तरह गेंदबाजी करने वाला यह लंबे कद का खिलाड़ी इंग्लैंड की परिस्थितियों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल कर पाएगा।
टीम में तेज गेंदबाजी विभाग में कप्तान पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क की जगह लगभग पक्की है। ये दोनों अगर फिट रहे तो तीसरे तेज गेंदबाज के नाम के लिए चर्चा हो सकती है।
पिछले चैंपियन ऑस्ट्रेलिया के सामने 11 से 15 जून तक लॉर्ड्स में खेले जाने वाले डब्ल्यूटीसी फाइनल में दक्षिण अफ्रीका की चुनौती होगी। इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के तीन तेज गेंदबाजों और नाथन लियोन के रूप में एक स्पिनर के साथ उतरने की संभावना है।
ऑस्ट्रेलिया के पास हरफनमौला बीयू वेबस्टर को एकादश में शामिल करने का विकल्प भी है। तीसरे तेज गेंदबाज के लिए हेजलवुड और बोलैंड के बीच चयन होने की संभावना है।
शास्त्री ने ‘आईसीसी रिव्यू’ पर कहा, ‘यह बहुत कठिन विकल्प होगा, अगर हेजलवुड फिट होते हैं, तो उन्हें बोलैंड के मुकाबले तरजीह मिलनी चाहिए।’
हेजलवुड अपने करियर में कई बार चोटिल होने के कारण टीम से बाहर रहे है। वह चोट के कारण भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली गई बॉर्डर गावस्कर सीरीज के पांच मैचों में से तीन में नहीं खेल पाए थे। ऑस्ट्रेलिया ने इस श्रृंखला को 3-1 से जीता था।
वह इसके बाद श्रीलंका दौरे और चैंपियंस ट्रॉफी में भी टीम का हिस्सा नहीं थे।
इस 34 साल के खिलाड़ी ने इंडियन प्रीमियर लीग में वापसी की और शानदार लय में है। उन्होंने बृहस्पतिवार को राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ चार विकेट झटक कर टीम को यादगार जीत दिलाई।
शास्त्री ने कहा, ‘हेजलवुड अगर पूरी तरह से फिट है तो दो वजहों से उन्हें टीम में जगह मिलनी चाहिए। पहला इंग्लैंड की परिस्थितियां उन्हें रास आएंगी और दूसरा उनके पास मैकग्रॉ की तरह गेंदबाजी (एक ही लाइन लेंथ की गेंद से बल्लेबाजों को परेशान करना) करने की क्षमता है।’
उन्होंने कहा, ‘लॉर्ड्स की पिच पर एक तरफ से ढलान है और कमेंट्री बॉक्स वाले छोर से गेंदबाजी करते समय में हमें मैक्ग्रॉ का रिकॉर्ड देखना चाहिए।’
मैक्ग्रॉ ने लॉर्ड्स में तीन टेस्ट में 26 विकेट लिए है जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1997 में 38 रन देकर आठ विकेट लिए है।
शास्त्री ने कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो वह (मैक्ग्रॉ) गेंद को दोनों ओर स्विंग करते हुए घातक साबित होते थे और मुझे लगता है कि हेजलवुड अपनी कद के साथ कुछ ऐसा ही कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘यह पिच ऑस्ट्रेलिया की तरह तेज नहीं हैं, इसलिए आपको थोड़ी अतिरिक्त ऊंचाई और उछाल की जरूरत होती है। हेजलवुड के पास स्कॉट बोलैंड के मुकाबले ऐसा करने की अधिक क्षमता है। मैं हालांकि स्कॉट बोलैंड का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं।’
बोलैंड ने बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
शास्त्री ने कहा, ‘पिच पर अधिक अधिक घास हुई तो ऑस्ट्रेलिया चारों तेज गेंदबाजों को मैदान पर उतार सकता है।’
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