कल गुरु अस्त के साथ मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानें कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?
Guru ast 2025: देवगुरु बृहस्पति 11 जून को अस्त हो रहे हैं। इसके बाद देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे, जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।

Guru Ast 2025 June: मांगलिक कार्यों पर बुधवार से लगभग पांच माह तक विराम लग जाएगा। बृहस्पति 11 जून को अस्त हो रहे हैं ओर छह जुलाई को देवशयनी एकादशी है, दोनों कारणों से अब नवंबर में ही मांगलिक कार्य हो सकेंगे। इस बीच शादी विवाह पर विराम रहेगा।
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, 11 जून बुधवार को बृहस्पति अस्त हो रहे हैं। इसके साथ ही छह जुलाई को देवशयनी एकादशी होने पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चार माह के लिए चले जाएंगे। इस कारण नवंबर तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से विराम लग जाएगा।
इन कार्यों में लगता है विराम- भगवान विष्णु के योग निद्रा अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। यह अवधि चार महीने की होती है। चातुर्मास के दौरान शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। इस अवधि में साधु-संत और सन्यासी चार महीने तक भजन-कीर्तन, भगवत गुणगान, कथा-प्रवचन जैसे धार्मिक कार्यों में लीन रहते हैं।
नवंबर-दिसंबर में फिर बजेगा बैंड-बाजा: चातुर्मास का समापन 18 नवंबर को कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु के निद्रा से जागृत होने के साथ होगा। इसके बाद ही मांगलिक कार्य एक बार फिर से शुरू हो पाएंगे।
चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें: चातुर्मास के दौरान भगवत पूजन, शिव पुराण का पाठ, महामृत्युंजय का जाप, एकांतवास में स्वाध्याय, दान-पुण्य, गौ एवं ब्राह्मण की सेवा और तीर्थ यात्रा जैसे धार्मिक कार्य करने चाहिए। इस अवधि में शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, गृह प्रवेश और कीमती चीजों की खरीदारी जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
नवंबर और दिसंबर 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त:
नवंबर: 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29 और 30 नवंबर
दिसंबर: 1, 4, 5 और 6 दिसंबर