Guru ast 2025 June Date know when chaturmas will end and vivah muhurat of november and december कल गुरु अस्त के साथ मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानें कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
Hindi Newsधर्म न्यूज़Guru ast 2025 June Date know when chaturmas will end and vivah muhurat of november and december

कल गुरु अस्त के साथ मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानें कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?

Guru ast 2025: देवगुरु बृहस्पति 11 जून को अस्त हो रहे हैं। इसके बाद देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाएंगे, जिसके कारण मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानTue, 10 June 2025 12:45 PM
share Share
Follow Us on
कल गुरु अस्त के साथ मांगलिक कार्यों पर लगेगा विराम, जानें कब से शुरू होंगे विवाह मुहूर्त?

Guru Ast 2025 June: मांगलिक कार्यों पर बुधवार से लगभग पांच माह तक विराम लग जाएगा। बृहस्पति 11 जून को अस्त हो रहे हैं ओर छह जुलाई को देवशयनी एकादशी है, दोनों कारणों से अब नवंबर में ही मांगलिक कार्य हो सकेंगे। इस बीच शादी विवाह पर विराम रहेगा।

पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार, 11 जून बुधवार को बृहस्पति अस्त हो रहे हैं। इसके साथ ही छह जुलाई को देवशयनी एकादशी होने पर भगवान विष्णु योग निद्रा में चार माह के लिए चले जाएंगे। इस कारण नवंबर तक मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा। उन्होंने बताया कि इस दौरान मांगलिक कार्यों पर पूरी तरह से विराम लग जाएगा।

ये भी पढ़ें:बुध-सूर्य मिलकर इन 3 राशियों का बदलेंगे समय, 15 जून से मिलेंगे शुभ फल

इन कार्यों में लगता है विराम- भगवान विष्णु के योग निद्रा अवधि को चातुर्मास कहा जाता है। यह अवधि चार महीने की होती है। चातुर्मास के दौरान शादी-विवाह, जनेऊ, मुंडन, गृह प्रवेश आदि जैसे सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं। इस अवधि में साधु-संत और सन्यासी चार महीने तक भजन-कीर्तन, भगवत गुणगान, कथा-प्रवचन जैसे धार्मिक कार्यों में लीन रहते हैं।

नवंबर-दिसंबर में फिर बजेगा बैंड-बाजा: चातुर्मास का समापन 18 नवंबर को कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी के दिन श्रीहरि विष्णु के निद्रा से जागृत होने के साथ होगा। इसके बाद ही मांगलिक कार्य एक बार फिर से शुरू हो पाएंगे।

चातुर्मास में क्या करें और क्या न करें: चातुर्मास के दौरान भगवत पूजन, शिव पुराण का पाठ, महामृत्युंजय का जाप, एकांतवास में स्वाध्याय, दान-पुण्य, गौ एवं ब्राह्मण की सेवा और तीर्थ यात्रा जैसे धार्मिक कार्य करने चाहिए। इस अवधि में शादी-विवाह, उपनयन, मुंडन, गृह प्रवेश और कीमती चीजों की खरीदारी जैसे मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।

ये भी पढ़ें:मंगल के नक्षत्र में सूर्य की एंट्री, 21 जून तक इन 3 राशियों का बदलेगा समय

नवंबर और दिसंबर 2025 में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त:

नवंबर: 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29 और 30 नवंबर

दिसंबर: 1, 4, 5 और 6 दिसंबर

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।