सचिन की तरह कोहली भी बदलेंगे मन? क्या है तेंदुलकर की 2007 की स्टोरी, तब किसकी सलाह पर मास्टर ब्लास्टर ने लिया यू-टर्न
विराट कोहली के रिटायरमेंट की चर्चा काफी तेज है। विराट कोहली का मन बदलने के लिए खास पहल की जा रही है। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का एक पुराना किस्सा याद आ गया है।

विराट कोहली के रिटायरमेंट की चर्चा काफी तेज है। बताया जा रहा है कि कोहली ने बीसीसीआई से कह दिया है कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का मन बना लिया है। हालांकि बीसीसीआई पूरी कोशिश में लगा है कि वह विराट कोहली को मना सके। विराट कोहली का मन बदलने के लिए खास पहल की जा रही है। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का एक पुराना किस्सा याद आ गया है। वैसे तो तेंदुलकर साल 2013 तक टेस्ट मैच खेलते रहे और उन्होंने 200 टेस्ट खेले। लेकिन एक वक्त ऐसा आया था, जब सचिन ने क्रिकेट छोड़ने का फैसला कर लिया था। फिर सचिन ने कैसे बदला अपना मन, आइए जानते हैं।
2007 वनडे वर्ल्ड कप के बाद
साल 2007 में वेस्ट इंडीज में आईसीसी वर्ल्ड कप में भारत का प्रदर्शन बेहद खराब रहा था। इसके बाद सचिन ने क्रिकेट से दूर होने का मन बना लिया था। सचिन ने यह पूरा किस्सा साल 2019 में इंडिया टुडे को बताया था। सचिन के मुताबिक भारतीय क्रिकेट के इर्द-गिर्द बहुत सारी चीजें हो रही थीं। यह सब ठीक नहीं था। हमें कुछ बदलाव की जरूरत महसूस हो रही थी। मैंने सोचा था कि अगर यह बदलाव नहीं होते हैं तो फिर क्रिकेट छोड़ दूंगा। सचिन के मुताबिक वह करीब 90 फीसदी तक मन बना चुके थे।
सर रिचर्ड्स का आया फोन
सचिन ने बताया कि उस वक्त उनकी अपने भाई से बात हो रही थी। उन्होंने कहाकि 2011 में मुंबई में वर्ल्ड कप फाइनल खेला जाएगा। क्या तुम उस खूबसूरत ट्रॉफी को अपने हाथों में नहीं देखना चाहते हो? मास्टर ब्लास्टर के मुताबिक इसके बाद वह अपने फॉर्महाउस चले गए। इसी दौरान उनके पास सर विव रिचर्ड्स का फोन आया। तब रिचर्ड्स ने सचिन से कहाकि आपके अंदर काफी क्रिकेट बची हुई है। हमारी करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई थी। यह बातचीत इतनी शानदार थी कि मैं बता नहीं सकता। जब आपका हीरो आपको फोन करे तो ऐसा ही महसूस होता है।
फिर बदलने लगी चीजें
सचिन तेंदुलकर के मुताबिक इसके बाद से चीजें उनके लिए बदलने लगीं। साथ ही उनका प्रदर्शन भी बेहतर होने लगा। इसके बाद सचिन लगातार खेलते रहे और साल 2011 में वनडे विश्वकप भी जीता। अब इस बार भारतीय क्रिकेट फैन्स उम्मीद कर रहे होंगे कि विराट कोहली के पास भी ऐसा ही कोई फोन कॉल आएगा और वह भी संन्यास लेने का अपना इरादा छोड़कर भारत को इंग्लैंड में एक शानदार टेस्ट श्रृंखला जिताने में मदद करेंगे।