Meta से अलग होंगे Instagram और WhatsApp? लग सकता है सबसे बड़ा झटका meta is facing an anti trust trial and the company can be forced to break off Instagram and WhatsApp, Gadgets Hindi News - Hindustan
Hindi Newsगैजेट्स न्यूज़meta is facing an anti trust trial and the company can be forced to break off Instagram and WhatsApp

Meta से अलग होंगे Instagram और WhatsApp? लग सकता है सबसे बड़ा झटका

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Meta को एक बड़े एंटी-ट्रस्ट लॉसूट का सामना करना पड़ रहा है। अगर वह इस लॉसूट में हार जाता है तो उसे WhatsApp और Instagram जैसे प्लेटफॉर्म्स को अलग करना पड़ सकता है।

Pranesh Tiwari लाइव हिन्दुस्तानMon, 14 April 2025 06:44 PM
share Share
Follow Us on
Meta से अलग होंगे Instagram और WhatsApp? लग सकता है सबसे बड़ा झटका

Meta (पहले Facebook) एक ऐसे लॉसूट का सामना कर रही है जिसे इतिहास का सबसे बड़ा एंटीट्रस्ट ट्रायल कहा जा रहा है। यह लॉसूट अमेरिका के Federal Trade Commission (FTC) ने फाइल किया है, और इसमें सबसे बड़ा आरोप है कि Meta ने अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल किया है। खासकर Instagram और WhatsApp जैसी बड़ी कंपनियों का एक्विजिशन कर के प्रतिस्पर्धा को खत्म किया गया है।

FTC का मानना है कि इन एक्विजिशंस का मकसद प्रतिस्पर्धा को खत्म करना और डिजिटल सोशल नेटवर्किंग के क्षेत्र में एकाधिकार या मोनोपॉली स्थापित करना था। अगर कोर्ट FTC के पक्ष में फैसला देता है, तो Meta को मजबूर किया जा सकता है कि वह Instagram और WhatsApp को अपनी मेन कंपनी से अलग कर दे, यानी उन्हें इंडिपेंडेंट कंपनियों के तौर पर काम करने का विकल्प दिया जाए।

ये भी पढ़ें:WhatsApp यूजर्स सावधान, कंपनी ने खुद दी बड़ी वॉर्निंग; खतरे को ना करें अनदेखा

Meta पर लंबे वक्त से लगते रहे हैं आरोप

FTC के अनुसार, Meta ने जानबूझकर सोशल मीडिया मार्केट में उभरते हुए अन्य प्रतिस्पर्धियों को खरीदकर उन्हें अपनी कंपनी में मिला लिया ताकि सोशल मीडिया और मैसेजिंग के क्षेत्र में कोई दूसरी कंपनी उसे चुनौती ना दे सके। उदाहरण के लिए, साल 2012 में Meta ने Instagram को लगभग 1 अरब डॉलर में खरीदा, जब वह एक उभरता हुआ लेकिन लोकप्रिय फोटो शेयरिंग ऐप था। इसके दो साल बाद, साल 2014 में Meta ने WhatsApp का करीब 19 अरब डॉलर में एक्विजिशन कर लिया – जो अब तक का सबसे बड़ा टेक एक्विजिशन माना जाता है।

कंपनी ने अपनी सफाई में दिए ये तर्क

Meta का पक्ष यह है कि उसने Instagram और WhatsApp को एक्वायर करके उन्हें तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत किया, जिससे यूजर्स को बेहतर सेवाएं मिल पाईं। कंपनी का यह भी दावा है कि इन प्लेटफॉर्म्स को एकजुट करके उसने बेहतर मॉडरेशन, सिक्योरिटी और फीचर इनोवेशन करवाया है। एक तर्क ये भी है कि FTC ने पहले इन एक्विजिशंस को मंजूरी दी थी, और अब सालों बाद उन्हें चुनौती देना ना सिर्फ असंवैधानिक है बल्कि बिजनेस स्टेबिलिटी के लिए भी खतरा है।

ये भी पढ़ें:अब WhatsApp पर भी दिखेंगे Instagram Reels, ऑडियो भी गायब नहीं होगा

कहा जा रहा है कि यह मुकदमा केवल Meta का फ्यूचर ही नहीं, बल्कि पूरे टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के काम करने का तरीका तय कर सकता है। अगर कोर्ट FTC के पक्ष में फैसला सुनाता है, तो यह फैसला अन्य टेक कंपनियों जैसे Google, Amazon और Apple के खिलाफ चल रहे एंटीट्रस्ट मामलों पर भी सीधा असर डालेगा। इससे यह मेसेज जाएगा कि किसी एक कंपनी के पास ज्यादा पावर होना डेमोक्रेटिक मार्केट सिस्टम के खिलाफ है। दूसरी ओर, अगर Meta जीतता है, तो बड़ी टेक कंपनियों को ज्यादा विस्तार और एक्विजिशंस की छूट मिल सकती है।

 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।