आंदोलनकारी शिक्षकों पर CM सुक्खू की टेढ़ी नजर; 4 और सस्पेंड, आगे क्या संकेत?
प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले शिमला में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों पर ऐक्शन जारी है। शिक्षा विभाग ने सोमवार को चार और शिक्षकों को निलंबित कर दिया।

हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के बैनर तले राजधानी शिमला के चौड़ा मैदान में दो दिन पहले राज्य सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शन के बाद शिक्षा विभाग की सख्ती लगातार जारी है। शिक्षा विभाग ने सोमवार को चार और शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी छह शिक्षकों को निलंबित किया जा चुका है। इस प्रकार अब तक कुल दस शिक्षकों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई हो चुकी है।
निदेशक स्कूल शिक्षा अशिष कोहली द्वारा सोमवार को जारी आदेश के अनुसार इन शिक्षकों को निलंबन अवधि के दौरान मुख्यालय में उपस्थित रहना अनिवार्य किया गया है। साथ ही बिना पूर्व अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश दिया गया है।
निलंबित किए गए शिक्षकों में जिला कांगड़ा के जीसीपीएस उस्तेहर रढ के सेंटर हैड टीचर अनिल कुमार, जिला शिमला के जीपीएस दीम के जेबीटी प्रमोद चौहान, जिला ऊना के जीपीएस सिध चलेहार की हैड टीचर सुनीता शर्मा और जिला मंडी के जीपीएस टांडी के जेबीटी हेम राज शामिल हैं।
आदेश के तहत अनिल कुमार को बीईईओ इंदौरा जिला कांगड़ा में, प्रमोद चौहान को सीएचटी जीसीपीएस धरचनाना, ईबी कुफरी जिला शिमला में, सुनीता शर्मा को सीएचटी जीसीपीएस बुडहन, ईबी बंगाणा जिला ऊना में और हेम राज को सीएचटी कमलाह फोर्ट, ईबी धर्मपुर-दो जिला मंडी में निलंबन अवधि के दौरान मुख्यालय तय किया गया है।
यह कार्रवाई सिविल सेवा (आचरण) नियमावली 1965 के तहत की गई है। निलंबन अवधि में इन अधिकारियों को नियमानुसार निर्वाह भत्ता मिलेगा। शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला अधिकारियों को इस आदेश के अनुपालन के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने पहले ही साफ कर दिया था कि निदेशालयों के पुनर्गठन के खिलाफ किसी भी तरह के आंदोलन और प्रदर्शन को गंभीरता से लिया जाएगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश दिया है कि प्रदर्शन में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। साथ ही जो शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने से इनकार कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा निदेशालयों के पुनर्गठन के फैसले के विरोध में प्राथमिक शिक्षक संघ ने बीते शनिवार को शिमला में जोरदार प्रदर्शन किया था। सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार का कहना है कि यह पुनर्गठन एक नीतिगत निर्णय है और सरकारी कर्मचारियों के लिए इसका पालन करना अनिवार्य है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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