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एयरपोर्ट बंद और बरस रहे बम; ईरान में फंसे भारतीय कैसे निकलेंगे, क्या है आखिरी रास्ता

ईरान, इजरायल, सीरिया, इराक जैसे मध्य पूर्व के कई देशों ने जंग के कारण अपने एयरस्पेस को ही बंद कर रखा है। ऐसी स्थिति में ईरान में फंसे भारतीय कैसे लौटेंगे? इस सवाल का जवाब यह है कि सभी भारतीयों को जमीनी रास्ते से ईरान से निकलना होगा और फिर वे समुद्री जहाज या फिर हवाई सफर के रास्ते भारत लौट पाएंगे।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, तेहरानTue, 17 June 2025 10:48 AM
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एयरपोर्ट बंद और बरस रहे बम; ईरान में फंसे भारतीय कैसे निकलेंगे, क्या है आखिरी रास्ता

इजरायल ने ईरान की राजधानी तेहरान में बम बरसाने शुरू कर दिए हैं। पूरा तेहरान ही अब इजरायली हमलों की जद में है। ऐसी स्थिति में ईरान में रहे 1500 भारतीय छात्रों समेत तमाम लोग बाहर निकलने की कोशिश में है। एक मुश्किल यह है कि ईरान, इजरायल, सीरिया, इराक जैसे मध्य पूर्व के कई देशों ने जंग के कारण अपने एयरस्पेस को ही बंद कर रखा है। ऐसी स्थिति में ईरान में फंसे भारतीय कैसे लौटेंगे? यह बड़ा सवाल है। इस सवाल का जवाब यह है कि सभी भारतीयों को अब जमीनी रास्ते से ही ईरान से बाहर निकलना होगा और फिर वे समुद्री जहाज या फिर हवाई सफर के रास्ते भारत लौट पाएंगे।

अब तक मिली जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात और अर्मेनिया से बात की है। फिलहाल भारतीय दूतावास इस कोशिश में लगा है कि तेहरान और ईरान के अन्य शहरों में बसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और फिर वापस लाया जाए। इसी कड़ी में करीब 100 भारतीय आर्मेनिया की ओर रवाना हुए हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को अर्मेनिया और यूएई के अपने समकक्षों से बात की थी। फिलहाल ईरान के उरमिया में रह रहे 120 भारतीय छात्रों को अर्मेनिया के रास्ते निकाला जा रहा है। अर्मेनिया की सीमा ईरान से लगती है और दोनों के अच्छे संबंध हैं। ईरान की सीमा तो पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से भी लगती है, लेकिन उस रास्ते से भारतीयों को निकाल पाना संभव नहीं है।

इसके अलावा यूएई से बात इसलिए हो रही है क्योंकि उसके इजरायल और ईरान दोनों से ही अच्छे संबंध हैं। विदेश मंत्रालय का कहना है कि भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और दूतावास की तरफ से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को कोम भी पहुंचाया गया है, जो तेहरान से 148 किलोमीटर दूर स्थित एक शहर है। बता दें कि ईरान में करीब 1500 छात्र ही हैं, जिनमें से ज्यादातर जम्मू-कश्मीर के हैं।

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ईरान सरकार का कहना है कि भले ही एयरस्पेस बंद है, लेकिन जमीनी सीमाएं सभी खुली हैं और वहां से भारतीय निकल सकते हैं। ईरानी विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमें कई देशों से रिक्वेस्ट मिली है कि नागरिकों को निकलने दिया जाए। हमारा कहना है कि एयरस्पेस बंद है, लेकिन सीमाएं खुली हैं। किसी भी देश के राजनयिक अथवा नागरिक निकलने के लिए इन सीमाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं। ईरान सरकार ने भारत से कहा है कि वह अपने नागरिकों के नाम, पासपोर्ट नंबर और वाहन आदि की डिटेल दे ताकि उन्हें निकाला जा सके। इसके अलाा यह भी पूछा गया है कि ये लोग किस सीमा के रास्ते निकलना चाहते हैं।

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