पड़ोसी देश में अब नमक के लिए हाहाकार, भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ; 1 KG का दाम जान रह जाएंगे दंग
श्रीलंका के पुट्टलम जिले के नमक उत्पादकों के मुताबिक पिछले सप्ताह भारी बारिश के कारण लगभग 15,000 मीट्रिक टन नमक बह गया, जिसे इकट्ठा करने के लिए रखा गया था। अब नमक की 50 किलो की बोरी के दाम में पांच गुना बढ़ोत्तरी हो गई है।

समंदर से चारों ओर घिरे पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों एक नई मुसीबत से दो-चार हो रहा है। वहां नमक का संकट गहरा गया है। भारी बारिश की वजह से एक तो नमक का उत्पादन ठप पड़ गया है, दूसरे उत्पादित नमक के ढेर भी बारिश में बह गए हैं। इससे इस द्वीपीय देश में जरूरी मात्रा भर भी नमक का उत्पादन नहीं हो पा रहा है और लोग नमक जैसी जरूरी चीजों के लिए परेशान हैं। नमक की भारी किल्लत की वजह से वहां इसके दाम में तीन से चार गुना तक इजाफा हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रीलंका में फिलहाल नमक 125 से 145 रुपये प्रति किलो मिल रहा है। वहां देश की जरूरत के हिसाब से सिर्फ 23 फीसदी नमक ही बन पा रहा है। इस बीच, भारत ने पड़ोसी देश की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। भारत ने 3050 मीट्रिक टन नमक की खेप श्रीलंका भेजी है लेकिन भारी बारिश की वजह से इस खेप के पहुंचने में देरी हो गई है। इनमें से 2800 मीट्रिक टन नेशनल साल्ट कंपनी ने आयात की है जबकि 250 मीट्रिक टन नमक प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों ने भेजी है। बहरहाल उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते तक वहां स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
नमक उत्पादकों के एसोसिएशन का कहना है कि सरकार द्वारा 30,000 मीट्रिक टन गैर-आयोडीन नमक के आयात में देरी की जा रही है, जिससे स्थिति और बिगड़ गयी है। श्रीलंकाई लोगों ने सोशल मीडिया पर खाली पड़े बाजार की अलमारियों की तस्वीरें साझा की हैं, जबकि अन्य लोगों ने अफसोस जताया कि उन्हें नमक की तलाश करनी पड़ रही है।
2022 से ही आर्थिक बदहाली से जूझ रहा है श्रीलंका
आर्थिक बदहाली से जूझ रहे श्रीलंका में नमक की कमी एक नई समस्या बनकर आई है। हिन्द महासागर में स्थित दक्षिण एशियाई देश अभी भी आर्थिक संकट से उबर रहा है। 2022 में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी होने से श्रीलंका तेल और कोयले का आयात करने में असमर्थ हो गया था।
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