सच्ची दोस्ती क्या होती है PM मोदी ने दिखाया… नेतन्याहू के मंत्री ने पढ़े तारीफों के कसीदे
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए इजराइल के मंत्री ने कहा है कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत में काम आए और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका असली उदाहरण पेश किया है। इजरायली मंत्री ने गाजा की स्थिति पर भी बात की है।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार में कृषि और विकास मंत्रालय का कार्यभार संभाल रहे अब्राहम मोशे 'एवी' डिचर ने हाल ही में एक कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। इस दौरान नेतन्याहू के मंत्री ने पीएम मोदी को सच्चा दोस्त बताते हुए कहा है कि भारत और इजरायल की दोस्ती पूरी दुनिया के लिए उदाहरण पेश करती है। इस मौके कर मंत्री ने गाजा में चल रहे युद्ध से लेकर ट्रंप प्रशासन सहित कई मुद्दों अपने विचार साझा किए।
न्यूज 18 से बात करते हुए एवी डिचर ने 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमास के हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि इस हमले के बाद पीएम मोदी इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से बात करने वाले पहले नेताओं में एक थे। उन्होंने कहा, “7 अक्टूबर 2023 को जब भयानक हमले हुए और इजरायलियों को प्रताड़ित किया गया, मारा गया, बलात्कार किया गया, उनका अपहरण किया गया, तो पीएम मोदी बेंजामिन नेतन्याहू को फोन करने वाले विश्व के पहले नेताओं में से एक थे। उन्होंने इजरायल को हर तरह की मदद की पेशकश की। यही सच्ची दोस्ती है। जो संकट के समय पर निभाई जाई।”
इस दौरान गाजा की मौजूदा स्थिति पर बात करते हुए डिचर ने कहा कि वे हमास को गाजा से उखाड़ फेंकेंगे। उन्होंने कहा, “7 अक्टूबर के हमलों के ठीक बाद, हमने तीन लक्ष्य रखे। पहला था गाजा में हमास के सैन्य ढांचे को नष्ट करना, दूसरा गाजा में हमास के शासन को उखाड़ फेंकना और तीसरा सभी बंधकों को रिहा करना। हमने कभी ऐसी स्थिति का सामना नहीं किया जहां लोगों को उनके घरों से अगवा किया गया हो - महिलाएं, बच्चे और बूढ़े सभी को कैद किया गया। गाजा में कुल 255 बंधक थे। अब भी 59 लोग बंधक हैं। तीनों लक्ष्यों को हासिल करने से पहले युद्ध समाप्त नहीं होगा। सबसे जरूरी लक्ष्य बंधकों को रिहा करना है।"
वहीं ट्रंप से जुड़े सवालों के जवाब में डिचर ने ट्रंप के कुछ फैसलों को जमकर सराहा। उन्होंने कहा, "वह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति थे जिन्होंने तेल अवीव से यरुशलम में अमेरिकी दूतावास को स्थानांतरित करने का फैसला किया और उसे लागू किया। वह काम पर ध्यान देते हैं। जब हुती नहीं रुके, तो उन्होंने हवाई हमले शुरू कर दिए। जब उन्होंने ईरान से बातचीत करने को कहा तो उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि हम बातचीत करेंगे या हमला करेंगे।”
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