बोले बाराबंकी:आबादी तो बढ़ी पर संसाधन व कर्मचारी नहीं
Barabanki News - बाराबंकी में अग्निशमन विभाग कम कर्मचारियों और संसाधनों के बावजूद आग पर काबू पाने की कोशिश करता है। फायर हाइड्रेंट गायब होने और संकरे मार्गों के कारण आग बुझाने में कठिनाई होती है। नगर पालिका ने फायर...

बाराबंकी। कम कर्मचारियों व संशाधन के बावजूद अग्निशमन विभाग सूचना पाते ही सतर्क हो जाता है। कर्मचारी जान को जोखिम में डालकर आग पर जल्द से जल्द काबू पाने का प्रयास करते हैं। मगर उनके सामने खासतौर से शहर व कस्बों में तब समस्या आती है जब उनके वाहनों के पानी के टैंक खाली हो जाते हैं। शहर में बनाए गए फायर हाइड्रेंट गायब हो चुके हैं। कस्बों में बने नहीं। इतना ही नहीं कई स्थानों पर संकरे मार्ग के कारण अग्निशमन वाहन तक नहीं पहुंच पाते हैं।
शहरी क्षेत्र में गायब हो चुके हैं फायर हाइड्रेंट: नगर पालिका परिषद नवाबगंज क्षेत्र में दो से तीन दशक पहले आग की घटनाएं होने पर पानी की आपूर्ति के लिए करीब 22 फायर हाइड्रेंट स्थापित किये गए थे। लेकिन पिछले कुछ सालों में मार्ग के चौड़ीकरण व अतक्रिमण के कारण करीब 18 फायर हाइड्रेंट जमींदोज हो चुके हैं। इसमें धनोखर चौराहा के पास, नाका सतरिख चौराहा के पास, सरावगी में पांडुशिला के पास, महिला थाना के पास, अफीम कोठी के सामने, निबलेट तिराहा के पास सहित अन्य स्थानों पर बने फायर हाइड्रेंड सड़कों के नीचे दफ्न हो गए हैं। अक्सर सड़कें बनीं और उनकी ऊंचाई बढ़ी।
मगर नगर पालिका व ठेकेदार ने उक्त फायर हाइड्रेंट को विभाग से कहकर ऊंचा नहीं करवाया और उसके ऊपर से ही सड़कें बना दी गईं। कई फायर हाइड्रेंट तो इसलिए गायब हो गए कि उन पर अतिक्रमण करके कच्ची या फिर पक्की दुकानें व मकान तक बन गए। कर्मचारी कहते हैं कि ऐसी स्थिति में शहर में आग बुझाते समय पानी की समस्या खड़ी हो जाती है। सिर्फ आगजनी की घटना होने पर बस स्टॉप के निकट पोस्टमार्टम हाउस के पास, सट्टीबाजार के पास समेत कुल तीन स्थानों पर फायर हाइड्रेंट हैं जिनसे पानी भरा जाता है।
कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे हैं कई अग्निशमन केन्द्र : हैदरगढ़ संवाद के अनुसार स्थानीय अग्नि शमन केन्द्र पर एक तिहाई कर्मचारियों की कमी है। उक्त फायर स्टेशन पर मानक के अनुसार 23 कर्मियों की तैनाती होनी चाहिए मगर कार्यरत हैं मात्र छह कर्मचारी। इस केन्द्र पर एफएसओ के दो पद हैं लेकिन इस पद पर एक भी अधिकारी की तैनात नहीं हैं। इसी प्रकार एफएसएसओ के दो पद हैं, मगर उक्त पद पर भी वर्षों से किसी की तैनाती नहीं हो सकी है।
लीडिंग फायर मैन के दो पद हैं। लेकिन एक महेंद्र प्रताप शुक्ल की तैनाती है। फायर मैन के 16 पदों के स्थान पर मात्र 10 की तैनाती है। कुक दो के स्थान पर एक है। एक कर्मचारी ने बताया कि आवासीय व्यवस्था ठीक है। गाडियां तीन के स्थान पर दो ही मिली हैं। इसमें भी चालक एक ही है। आपातकालीन स्थिति में सिपाही से गाड़ी चलाने का काम लिया जाता है। यह स्थिति हैदरगढ़ केन्द्र की ही नहीं बल्कि कई और अग्निशमन केन्द्रों की है। जहां कर्मचारियों की कमी से विभाग जूझ रहा है। इससे लोगों द्वारा सूचना देने पर कर्मचारियों की कमी खलती है और तुरंत पहुंचने में कुछ असुविधाएं होती है।
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