म्यांमार के साथ खड़ी दुनिया; भारत ने किट, कंबल और भोजन भेजा, यूएस को लेकर क्यों चिंता
- चीन के युन्नान प्रांत से 37 सदस्यों का बचाव दल भूकंप डिटेक्टर, ड्रोन और अन्य सामान के साथ शनिवार सुबह यांगून शहर पहुंचा। समाचार एजेंसी तास के अनुसार, रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री को लेकर 2 विमान भेजे हैं।

म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,000 के पार पहुंच गई। भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुईं कई इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सेना के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार, भूकंप के कारण अब तक 1,002 लोगों की मौत हो चुकी है और 2,376 अन्य लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा 30 लोग लापता बताए जा रहे हैं। बर्मा के नाम से लोकप्रिय म्यांमार लंबे समय से चल रहे खूनी गृहयुद्ध की चपेट में है। वहां पहले से ही एक बड़ा मानवीय संकट बना हुआ है। भूकंप के कारण म्यांमार में राहत और बचाव कार्यों को चलाना भी काफी मुश्किल हो रहा है।
म्यांमार की सरकार ने कहा कि भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में खून की मांग अत्यधिक है। इस बीच, भारत समेत दुनिया भर से मदद के लिए हाथ बढ़ाया गया है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, चीन के युन्नान प्रांत से 37 सदस्यों का बचाव दल भूकंप डिटेक्टर, ड्रोन और अन्य सामान के साथ शनिवार सुबह यांगून शहर पहुंचा। रूसी सरकारी समाचार एजेंसी तास की रिपोर्ट के अनुसार, रूस के आपातकालीन मंत्रालय ने 120 बचावकर्मियों और राहत सामग्री को लेकर 2 विमान भेजे हैं। मलेशिया ने भी रविवार को 50 लोगों के एक दल को म्यांमार भेजने की घोषणा की है।
भारत ने किट, कंबल और क्या-क्या भेजा
भारत ने बचाव दल और मेडिकल टीम के साथ-साथ राहत सामग्री भी भेजी है। शनिवार को भारतीय सहायता विमान म्यांमार पहुंच गया। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सी-130 सैन्य परिवहन विमान से किट, कंबल, भोजन और अन्य आवश्यक सामान भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि हम घटनाक्रम पर नजर रखना जारी रखेंगे और आगे भी सहायता भेजी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र ने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर की सहायता की घोषणा की है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से 20 लाख अमेरिकी डॉलर की मानवीय सहायता प्रदान करेगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूएस इस मुश्किल समय में भूकंप प्रभावित देशों की मदद करेगा। मगर, कुछ विशेषज्ञ इस प्रयास को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनके प्रशासन ने विदेशी सहायता में भारी कटौती की है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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