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रातोंरात चली गई नागरिकता, इस मुस्लिम देश में महिलाओं पर टूटा कहर; बैंक अकाउंट तक हो गए बंद

कुवैत के नए अमीर ने कसम खाई थी कि वह देश में केवल असली कुवैतियों को ही रखेंगे। कुवैत में रातोंरात बड़ी संख्या में लोगों की नागरिकता चली गई जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं।

Ankit Ojha लाइव हिन्दुस्तानSun, 25 May 2025 10:23 AM
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रातोंरात चली गई नागरिकता, इस मुस्लिम देश में महिलाओं पर टूटा कहर; बैंक अकाउंट तक हो गए बंद

कुवैत की सरकार ने रातोंरात हजारों लोगों की नागरिकता रद्द कर दी। इस लिस्ट में ज्यादातर महिलाएं हैं। लोग जब सुबह सोकर उठे तो किसी का बैंक अकाउंट बंद हो गया तो किसी की अन्य सरकारी सुविधाएं ठप हो गईं। जब पता किया तो पता चला कि उनकी नागरिकता ही खत्म हो गई है। मई 2024 में ही अमीर ने लोकतंत्र को खतरा बताया था और संविधान में संशोधन करने की घोषणा कर दी थी। सरकार उन लोगों की नागरिकता ज्यादा रद्द कर रही है जिन्हें शादी के बाद यहां की नागरिकता मिली थी। इस लिस्ट में वे महिलाएं ज्यादा शामिल हैं जिन्होंने कुवैत के पुरुषों से शादी कर नागरिकता हासिल की थी।

लामा जब कुवैत सिटी में क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने लगीं तो पता चला कि उनका अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। बाद में पता चला कि उनकी नागरिकता ही छिन गई है। लामा मूल रूप से जॉर्डन की रहने वाली हैं। बता दें कि अमीर शेख मेशाल अल अहमद अल सबाह दिसंबर 2023 में कुवैत के अमीर बने थे। इसके बाद उन्होंने संसद को भंग कर दिया और संविधान के कुछ हिस्सों को भी सस्पेंड कर दिया। अब अमीर का कहना है कि उन लोगों को ही कुवैत का नागरिक माना जाएगा जिनका यहां के लोगों के साथ ब्लड रिलेशन है।

अमीर ने एक स्पीच में कहा था कि कुवैत में रनहे वाले करीब 50 लाख लोगों में केवल एक तिहाई ही असली कुवैती हैं। अमीर ने कहा कि अब कुवैत में केवल ओरिजिनल लोग ही रहेंगे। लामा उन 37 हजार लोगों में शामिल हैं जिनकी अगस्त के बाद से नागरिकता जा चुकी है। इनमें 26 हजार महिलाएं ही हैं। यह कुवैत की सरकार का डेटा है। मीडिया का कहना है कि असली नंबर और भी ज्यादा हो सकते हैं।

कुवैत में पहले से भी ऐसे तमाम लोग रह रहे हैं जिनके पास वहां की नागरिकता नहीं है। 1961 में ब्रिटिश सुरक्षा से अजाद होने के बाद करीब 1 लाख लोगों को नागरिकता नहीं मिल पाई थी। वहीं जिन लोगों के पास कुवैत की नागरिकता नहीं होगी उनको बैंकिंग, शिक्षा, सरकारी नौकरी और अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाएंगी।

कुवैत में 1987 के बाद से जिन लोगों को शादी के आधार पर नागरिकता मिली है, सरकार उनपर कार्रवाई कर रही है। आंकड़े कहते हैं कि 1992 से 2020 तक 38,505 महिलाओं शादी के आधार पर नागरिकता दी गई थी। इसके अलावा दोहरी नागरिकता वाले लोगों की भी नागरिकता छीनी जा रही है। इसके अलावा जिनको उपलब्धियों के आधार पर नागरिकता दी गई थी, उनकी भी नागरिकता रद्द की जा रही है। इस लिस्ट में पॉप सिंगर नवल और ऐक्टर दाऊद हुसैन भी शामिल हैं।

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