तीन साल में पैंतीस लापता, आठ के लौटने का इंतजार
Maharajganj News - अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस पर महराजगंज जिले में लापता लड़कियों की बढ़ती संख्या चिंता का विषय है। हाल ही में दो नाबालिग लड़कियों को पैसे और ग्लैमर के झांसे में लाकर गायब किया गया था। पुलिस ने 10...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। अंतरराष्ट्रीय गुमशुदा बाल दिवस पर महराजगंज जैसे सीमावर्ती जिलों की पीड़ा और गहराती है, जहां कई घरों की आंखें वर्षों से अपने लापता बच्चों के लौटने की राह देख रही हैं। प्रशासन और पुलिस प्रयासरत हैं, लेकिन नादान उम्र की लड़कियों का बहलावे में आकर घर छोड़ना अब एक आम घटना बन गई है। भारत-नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जिले में आए दिन किशोरियों के गायब होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं, जिनमें से अधिकतर मामले प्रेम-प्रसंग या आर्थिक प्रलोभन से जुड़े होते हैं। हाल ही में ठूठीबारी क्षेत्र से दो नाबालिग लड़कियों के गायब होने का मामला प्रकाश में आया।
दो मई को दोनों अचानक लापता हो गईं, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई। दस दिन की तलाश के बाद दोनों को बरामद किया गया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि लड़कियों को पैसे और ग्लैमर का झांसा देकर आर्केस्ट्रा में बुलाया गया था, जहां की एक नर्तकी उनकी परिचित थी। इस सफलता से पुलिस को जहां राहत मिली, वहीं परिजनों की आंखों में सुकून लौटा। ऐसे ही कई मामलों में किशोरियां पंजाब, दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों से भी बरामद की गई हैं। नादान उम्र की ये लड़कियां अक्सर अपने गांव-इलाके के प्रेमी या जान-पहचान वालों के बहकावे में आकर घर छोड़ देती हैं। पुलिस मोबाइल लोकेशन और तकनीकी सहायता से उन्हें ढूंढ़ निकालती है। जिले की सीमा नेपाल से लगने के कारण यह इलाका ह्यूमन ट्रैफिकिंग के लिए भी संवेदनशील है। भारत-नेपाल सीमा पर तैनात जांच एजेंसियां और दोनों देशों के एनजीओ मिलकर इस समस्या से निपटने का प्रयास कर रहे हैं। अब तक कई नेपाली युवतियों को भी तस्करों के चंगुल से बचाया जा चुका है।
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