Vat Savitri Vrat Wives Pray for Husband s Long Life on May 26 बट सावित्री : मेहंदी लगाने को घंटों इंतजार, थ्री डी डिज़ाइन की डिमांड, Jamshedpur Hindi News - Hindustan
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बट सावित्री : मेहंदी लगाने को घंटों इंतजार, थ्री डी डिज़ाइन की डिमांड

सुहागिन महिलाएं 26 मई को वट सावित्री व्रत रखेंगी। बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी जोरों पर है। महिलाएं सत्यवान-सावित्री की मूर्तियां, पंखे, और श्रृंगार सामग्री खरीद रही हैं। इस वर्ष व्रत सोमवती...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरSun, 25 May 2025 05:55 PM
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बट सावित्री : मेहंदी लगाने को घंटों इंतजार, थ्री डी डिज़ाइन की डिमांड

सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सौभाग्य की कामना के लिए 26 मई सोमवार को वट सावित्री व्रत रखेंगी। इस व्रत को लेकर घरों से लेकर बाजारों तक तैयारियां जोरों पर हैं। व्रत के लिए बाजारों में डलिया, पंखा, श्रृंगार सामग्री की दुकानें सज चुकी हैं। साकची, गोलमुरी, बारीडीह और सिदगोड़ा के बाजारों में चहल-पहल बनी हुई है। महिलाएं पूजन सामग्री जैसे कपड़े के बने सत्यवान-सावित्री की मूर्ति, बांस का पंखा, लाल धागा, बांस की डलिया आदि खरीद रही हैं। चूड़ियों और श्रृंगार सामग्री की दुकानों पर भी भीड़ उमड़ रही है। इस समय बाजार में पंखा जोड़ा 60 से 80 रुपये, लीची 200 रुपये सैकड़ा, पीला केला 40-50 रुपये दर्जन, खीरा 25-30 रुपये किलो और नारियल 40 रुपये प्रति पीस तक बिक रहे हैं।

ज्योतिष मान्यता के अनुसार, इस बार वट सावित्री व्रत सोमवती अमावस्या पर पड़ रहा है, जो अत्यंत शुभ संयोग माना जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या को रखा जाता है। वट सावित्री की पूजा में महिलाएं सोलह श्रृंगार कर विधिवत व्रत रखती हैं। पूजा के दौरान वटवृक्ष की परिक्रमा कर कच्चा सूत लपेटा जाता है। साकची बाजार में महिलाओं को मेहंदी लगवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। थ्री डी डिज़ाइन की मेहंदी इस बार खास पसंद की जा रही है। मेहंदी लगाने के लिए सुबह 9 बजे से ही दुकानों पर भीड़ रही। सिदगोड़ा की ऋतु सिंह ने बताया कि यह उनका पहला व्रत है, जिसे लेकर वह काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि यह व्रत हर सुहागन को अपने पति की लंबी उम्र के लिए करना चाहिए। व्रत में वट और सावित्री दोनों का विशेष महत्व शीतला मंदिर के पुरोहित धनजी पांडेय ने बताया कि वट सावित्री व्रत पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-शांति के लिए किया जाता है। व्रत में वटवृक्ष की पूजा होती है। पुराणों के अनुसार वट वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। महिलाएं वटवृक्ष के चारों ओर घूमकर रक्षा सूत्र बांधती हैं और एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर आशीर्वाद देती हैं। इस दिन सत्यवान-सावित्री की कथा सुनना अनिवार्य माना गया है। बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर व्रत कथा सुनने और पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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