russia and north korea restart 10 thousand rail service after 5 years what is main plan ट्रेन, हथियार और बिजनेस... 10000 KM लंबी रेल सेवा से सनकी तानाशाह संग पुतिन का असली प्लान क्या, International Hindi News - Hindustan
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ट्रेन, हथियार और बिजनेस... 10000 KM लंबी रेल सेवा से सनकी तानाशाह संग पुतिन का असली प्लान क्या

17 जून से रूस और उत्तर कोरिया के बीच एक बार फिर सीधी पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू हो रही है। यह रेल पूरे आठ दिन में 10,000 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी तय करेगी।

Gaurav Kala लाइव हिन्दुस्तानWed, 11 June 2025 04:31 PM
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ट्रेन, हथियार और बिजनेस... 10000 KM लंबी रेल सेवा से सनकी तानाशाह संग पुतिन का असली प्लान क्या

रूस और उत्तर कोरिया के बीच सीधी ट्रेन सेवा दोबारा शुरू हो रही है — लेकिन यह सिर्फ एक रेल सेवा नहीं, बल्कि दुश्मनों को 'रेड सिग्नल’ है। यह सिर्फ यात्रियों की सुविधा के लिए नहीं है, जानकारों के मुताबिक, यह दोनों देशों के बढ़ते सैन्य सहयोग और रणनीतिक गठजोड़ का हिस्सा भी हो सकती है, जो यूक्रेन युद्ध में नया मोड़ ला सकती है।

17 जून से रूस और उत्तर कोरिया के बीच एक बार फिर सीधी पैसेंजर ट्रेन सेवा शुरू हो रही है। यह ट्रेन मॉस्को से उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग तक जाएगी और पूरे आठ दिन में 10,000 किलोमीटर से भी ज्यादा की दूरी तय करेगी। लेकिन इस ‘सफर’ के मायने सिर्फ पर्यटन या परिवहन तक सीमित नहीं हैं।

क्या है मेन प्लान

दरअसल, इस रेल सेवा को दुनिया की सबसे लंबी सीधी पैसेंजर ट्रेन सेवा बताया जा रहा है — लेकिन इसके पीछे की ‘लंबी प्लानिंग’ अब चर्चा में है। क्योंकि इस ट्रेन के चलने से कुछ ही महीने पहले रूस और उत्तर कोरिया के बीच एक सैन्य संधि हुई थी और इसी दौरान ऐसी कई रिपोर्ट्स आईं कि उत्तर कोरिया, रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए हथियार और गोला-बारूद की आपूर्ति कर रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं — क्या यह ट्रेन यात्रियों के साथ-साथ हथियार और रणनीतिक सामग्री भी ढोएगी?

ट्रेन की आड़ में हथियार सप्लाई

ट्रेन रास्ते में तूमन नदी पर बने ‘फ्रेंडशिप ब्रिज’ से होकर गुजरेगी — जो दोनों देशों का एकमात्र ज़मीनी संपर्क है। यह पुल अब सिर्फ एक संरचना नहीं, बल्कि रूस-उत्तर कोरिया की "नई दोस्ती" का प्रतीक बन गया है। सिर्फ यही नहीं, 19 जून से प्योंगयांग और रूस के सीमाई शहर खाबारोवस्क के बीच भी एक और ट्रेन सेवा शुरू की जा रही है, जो केवल दो दिन में सफऱ पूरा करेगी। जानकार मानते हैं कि यह रूट ‘तेज और टारगेटेड’ सामान भेजने के लिए इस्तेमाल हो सकता है।

उत्तर कोरिया की सरकारी रेलवे कंपनी इन सेवाओं का संचालन करेगी, जिसमें कोरियाई पैसेंजर कोच को मॉस्को-व्लादिवोस्तोक ट्रेन से जोड़कर प्योंगयांग पहुंचाया जाएगा।

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पुतिन और किम की बढ़ती दोस्ती के मायने

पुतिन और किम जोंग उन की ये ‘रेल डिप्लोमेसी’ सिर्फ यात्रा सुविधा नहीं, बल्कि हथियार, रणनीति और व्यापार के नए समीकरणों की ओर इशारा करती है। यह दुनिया को एक सीधा संकेत देती है- पश्चिमी दबाव के बीच रूस अब नए साझेदार खोज चुका है और ये साझेदारी सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहने वाली।

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