ट्रंप के कारण फेल होती दिख रही रूस-यूक्रेन शांति वार्ता, पुतिन ने क्यों बनाई दूरी?
Russia-Ukraine Peace Talk: 14 मई को क्रेमलिन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस ने शांति वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल की सूची जारी कर दी है। इसमें ना तो पुतिन शामिल हो रहे हैं और ना ही विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव।

Russia-Ukraine Peace Talk: व्लादिमीर पुतिन ने जब हाल ही में तुर्की में वोलोडिमिर जेलेंस्की के साथ शांति वार्ता में शामिल होने पर अपनी सहमति दी तो दुनिया को लगा कि रूस और यूक्रेन के बीच वर्षों से जारी संघर्ष का अंत हो सकता है। लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है वह परेशान करने वाली है। कहा जा रहा है कि पुतिन ने तुर्की में प्रस्तावित यूक्रेन-रूस शांति वार्ता में फिलहाल शामिल होने से साफ इनकार कर दिया है। वहीं, जेलेंस्की ने भी अपनी स्थिति साफ करते हुए कहा है कि जब तक पुतिन नहीं आते हैं तो वह भी इस वार्ता में शामिल नहीं होंगे। पुतिन के इस निर्णय के पीछे मुख्य वजह यह मानी जा रही है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इस वार्ता में शामिल होने की कोशिश कर रहे थे। अगर दोनों देशों के बीच सहमति बनती है तो वह इसका श्रेय लेने की कोशिश करते।
सूत्रों का मानना है कि पुतिन ट्रंप को कूटनीतिक स्तर पर किसी भी तरह की बढ़त नहीं देना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने न केवल खुद को इस वार्ता से दूर रखा, बल्कि अपने वरिष्ठ राजनयिकों को भी वार्ता में शामिल नहीं होने दिया। हालांकि, डिप्टी स्तर के कुछ मंत्रियों और अधिकारियों को जरूर भेजने की बात कही है।
14 मई को क्रेमलिन द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, रूस ने शांति वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधिमंडल की सूची जारी कर दी है। इसमें ना तो पुतिन शामिल हो रहे हैं और ना ही विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव। रूसे ने किसी वरिष्ठ अधिकारी को भी इसमें भेजना का फैसला टाल दिया है। हालांकि एक प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात जरूर कही है। जिसमें राष्ट्रपति के सलाहकार और प्रचार रणनीतिकार व्लादिमीर मेडिंस्की, उप विदेश मंत्री मिखाइल गैलुजिन, सैन्य खुफिया प्रमुख इगोर कोस्त्युकोव और उप रक्षा मंत्री अलेक्जेंडर फोमिन शामिल होंगे।
पुतिन के अलावा किसी से बात नहीं करेंगे जेलेंस्की
पुतिन के इस फैसल पर यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने तुर्की में व्लादिमीर पुतिन के साथ संभावित बैठक से पहले यह कहकर दांव बढ़ा दिया कि वह राष्ट्रपति के अलावा किसी अन्य रूसी प्रतिनिधि से बातचीत नहीं करेंगे। जेलेंस्की ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पुतिन से मिलने के आग्रह के बाद ही तुर्की की यात्रा करेंगे। सीएनएन ने जब उनसे बैठक के एजेंडे के बारे में पूछा तो जेलेंस्की ने कहा कि युद्धविराम समझौते के अलावा कुछ भी विफल ही साबित होगा। ऐसे में अगर दोनों देशों के प्रमुख के बगैर यह वार्ता होती भी है तो इसका खास संदेश नहीं जाएगा।
यह भी एक कारण
हालांकि एक तर्क भी दिया जा रहा है कि पुतिन द्वारा स्वयं को वार्ता से दूर रखना इस बात का संकेत हो सकता है कि रूस फिलहाल वार्ता को केवल एक औपचारिक प्रक्रिया के रूप में देख रहा है, ना कि वास्तविक समाधान की दिशा में कोई ठोस कदम है।
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