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क्या अब डोनाल्ड ट्रंप लगाने जा रहे मार्शल लॉ, अमेरिका में क्यों ऐसी चर्चा और क्या है तारीख?

  • 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर पद ग्रहण करने के बाद ट्रंप ने अपने पहले आदेशों में से एक पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत यूएस की दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरेजंसी घोषित किया गया।

Niteesh Kumar लाइव हिन्दुस्तानMon, 14 April 2025 08:28 PM
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क्या अब डोनाल्ड ट्रंप लगाने जा रहे मार्शल लॉ, अमेरिका में क्यों ऐसी चर्चा और क्या है तारीख?

क्या अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 20 अप्रैल को मार्शल लॉ लागू करने वाले हैं? दरअसल, 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर पद ग्रहण करने के बाद ट्रंप ने अपने पहले आदेशों में से एक पर हस्ताक्षर किया, जिसके तहत यूएस की दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरेजंसी घोषित किया गया। इस आदेश में कहा गया कि ट्रंप 1807 के विद्रोह अधिनियम को लागू कर सकते हैं, जिसके जरिए 20 अप्रैल, 2025 को अमेरिकी धरती पर सैन्य तैनाती संभव है। इसने मार्शल लॉ लागू करने की चर्चा को गरम कर दिया।

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राष्ट्रपति ट्रंप के 20 जनवरी के आदेश में कुछ शर्त रखी गई। इसमें कहा गया कि घोषणा की तारीख से 90 दिनों के भीतर रक्षा सचिव और होमलैंड सिक्योरिटी सचिव राष्ट्रपति को अमेरिका की दक्षिणी सीमा की स्थिति के बारे में रिपोर्ट देंगे। इसमें दक्षिणी सीमा पर पूर्ण नियंत्रण के लिए आवश्यक किसी भी अतिरिक्त कार्रवाई के संबंध में सिफारिशें शामिल होंगी, जिसमें यह बात भी है कि क्या 1807 के विद्रोह अधिनियम को लागू करना जरूरी है।

क्या है अमेरिका का विद्रोह अधिनियम, 1807

यह अमेरिकी कानून राष्ट्रपति को घरेलू हिंसा, विद्रोह या अशांति को दबाने के लिए सैन्य बल तैनात करने की शक्ति देता है। 1807 में लागू इस एक्ट का मकसद उन परिस्थितियों में संघीय अथॉरिटी को मजबूत करना था, जहां राज्य सरकारें कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ हों। इसके तहत, राष्ट्रपति सैन्य बलों को तैनात कर सकते हैं। अगर कोई विद्रोह या अवैध गतिविधियां संविधान, संघीय कानूनों या नागरिकों के अधिकारों को लागू करने में बाधा डालती हों। यह तब भी लागू हो सकता है, जब कोई राज्य सरकार इस तरह की अशांति को नियंत्रित करने में विफल हो और राष्ट्रपति से सहायता मांगे। हालांकि, राष्ट्रपति बिना राज्य की अपील के भी कार्रवाई कर सकते हैं, अगर उन्हें लगे कि स्थिति राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।

बता दें कि इस कानून का इस्तेमाल साल 1950-1960 के बीच सिविल राइट्स मूवमेंट के दौरान स्कूल डिसेग्रिगेशन लागू करने और 1992 के लॉस एंजिल्स दंगों में किया गया। ऐसे तो यह कानून विवादास्पद है, क्योंकि यह सेना को नागरिक क्षेत्र में लाने की इजाजत देता है, जिससे नागरिक स्वतंत्रताओं पर असर पड़ सकता है। साल 2006 में इसे संशोधित किया गया, लेकिन 2008 में कुछ बदलाव वापस लिए गए थे।

इंसर्रेक्शन एक्ट और मार्शल लॉ में क्या अंतर?

इंसर्रेक्शन एक्ट और मार्शल लॉ में कुछ अंतर है। मार्शल लॉ के तहत प्रशासन और राज्य के मामलों का पूरा नियंत्रण सैन्य जनरल के पास होता है, जो आमतौर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ या आर्मी चीफ को दे दिया जाता है। वहीं, विद्रोह कानून में राज्य और प्रशासन की शक्तियां अमेरिकी राष्ट्रपति के पास रहती हैं, जो चुनिंदा तरीके से सैन्य शक्तियों का इस्तेमाल कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए करते हैं। मार्शल लॉ इमरजेंसी में सेना को नागरिक सरकार की भूमिका पूरी तरह संभालने की इजाजत देता है, जबकि इंसर्रेक्शन एक्ट आर्मी को केवल नागरिक अधिकारियों की सहायता करने की इजाजत देता है, न कि उनकी जगह लेने की।

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