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जब युवा पोप फ्रांसिस को हुआ था पड़ोसी से प्यार, प्रेम पत्र में लिखा था- … तो पादरी बन जाऊंगा

  • ईसाइयों के सबसे बड़े धर्म गुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में निधन हो गया है। शनिवार 26 अप्रैल को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। पोप फ्रांसिस के पादरी बनने की वजहों से जुड़ा एक किस्सा।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानTue, 22 April 2025 05:06 PM
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जब युवा पोप फ्रांसिस को हुआ था पड़ोसी से प्यार, प्रेम पत्र में लिखा था- … तो पादरी बन जाऊंगा

ईसाइयों के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस के निधन पर पूरी दुनिया में शोक की लहर है। पोप फ्रांसिस ने सोमवार को 88 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। मंगलवार को वेटिकन ने घोषणा की है कि पोप फ्रांसिस का अंतिम संस्कार शनिवार 26 अप्रैल को सेंट पीटर बेसिलिका के सामने होगा। माना जाता है कि यह चर्च उनकी सबसे पसंदीदा चर्च है, जहां वह अक्सर जाते रहते थे। अपने परोपकारी स्वभाव के लिए जाने जाने वाले पोप फ्रांसिस की निजी जिंदगी शुरुआत से ऐसी नहीं थी। इतिहास के पहले लैटिन अमेरिकी पोप बनने से पहले उनका दिल टूट गया था।

कैसा था युवा जीवन?

कम लोग जानते हैं कि पोप फ्रांसिस के जन्म के समय उनका नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो रखा गया। बचपन के बाद का ज्यादातर समय उन्होंने ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में बिताया। वह एक इतालवी प्रवासी परिवार में पले-बढ़े। यहां राजधानी में उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में रसायन विज्ञान में डिग्री भी हासिल की। इस दौरान किसी आम शख्स की तरह जीवन यापन के लिए उन्होंने कई छोटे-बड़े काम किए। उन्होंने नाइट क्लब बाउंसर, केमिकल लैब तकनीशियन और सफाई कर्मचारी सहित कई तरह की नौकरियां कीं। इसी दौरान उन्हें आध्यात्मिक झुकाव भी हुआ। हालांकि ऐसा माना जाता है कि पादरी बनने का फैसला उन्होंने दिल टूटने के बाद ही लिया।

प्रेम पत्र में क्या लिखा था?

पोप फ्रांसिस ने कई अवसरों पर खुद बताया है कि युवावस्था में उनकी इच्छाएं भी सामान्य लोगों की तरह ही थीं। वह एक लड़की से प्यार करते थे और घर बसाने का सपना भी देखा था। किशोरावस्था में जॉर्ज को अमालिया डेमोंटे नाम की एक लड़की से प्यार हो गया, जो ब्यूनस आयर्स में रहा करती थी। अमालिया ने एक इंटरव्यू में यह खुलासा भी किया था कि जॉर्ज ने उन्हें एक बार लव लेटर भी दिया था। युवा जॉर्ज ने उस चिट्ठी में लिखा था, “अगर मैं तुमसे शादी नहीं कर पाया, तो मैं पादरी बन जाऊंगा।”

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प्यार नहीं हो पाया मुकम्मल

इसके बाद किसी फिल्म की कहानी की तरह यह प्रेम पत्र अमालिया के माता-पिता के हाथों लग गया और वे लोग बेहद नाराज हुए। दोनों का प्यार कभी मुकम्मल नहीं हो पाया और पोप फ्रांसिस ने आखिर में अध्यात्म का रास्ता चुना। बता दें कि पोप फ्रांसिस काफी लंबे समय से बीमार थे। सोमवार को वेटिकन की तरफ से एक संदेश जारी कर बताया गया कि आज सुबह 7:35 पर रोम के बिशप फादर के घर लौट गए।

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