विस्थापितों का हक छीना गया तो होगा आंदोलन : विमुवा
चांडिल डैम में विस्थापित मुक्ति वाहिनी की बैठक में झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा विस्थापितों के अधिकारों के उल्लंघन का विरोध किया गया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 30 अप्रैल को शहीद दिवस पर...
चांडिल। चांडिल डैम आइबी में विस्थापित मुक्ति वाहिनी की बैठक नारायण गोप की अध्यक्षता में हुई। जिसमें झारखंड सरकार के पर्यटन विभाग द्वारा विस्थापितों के हक छीनने के प्रयास का कड़ा विरोध दर्ज किया गया। इस मौके पर विमुवा नेता श्यामल मार्डी ने कहा कि चांडिल डैम में नौका विहार का संचालन का अधिकार विस्थापितों के बजाए गिरिडीह की एक निजी एजेंसी को से दिया गया है। जो पुनर्वास नीति 2012 के प्रावधानों का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि विस्थापितों के हक और अधिकारों पर अगर हमला किया गया तो सड़क से लेकर न्यायालय तक इसका प्रतिबाद किया जाएगा। बैठक में निर्णय लिया गया कि 30 अप्रैल को जायदा में शहीद दिवस के अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के पश्चात स्वर्णरेखा परियोजना तथा प्रशासनिक पदाधिकारियों को विस्थापितों के मांगों से अवगत कराया जाएगा ताकि उसका समुचित समाधान निकाला जा सके। बैठक में विस्थापितों ने कहा कि दो वर्षों से पुनर्वास कार्य ठप पड़े हैं। आवासीय भूखंडों का न तो मालिकाना हक दिया जा रहा है और न ही पुनर्वास स्थलों का सीमांकन कार्य ही पूरा हुआ है। लिफ्ट इरीगेशन के द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के बारे में राज्य सरकार को चिंता नहीं है। बैठक में अंबिका यादव, किरण बीर, ईश्वर गोप, पंचानन महतो, देवेन महतो,बासु घुनिया, डोमन बासके, अरविंद अंजुम आदि विस्थापित मौजूद थे।
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