आदिवासी संगठनों का आज झारखंड बंद का ऐलान, कब से कब तक रहेगा असर
आदिवासी संगठनों ने कई मुद्दों को लेकर बुधवार को झारखंड बंद बुलाया है। साथ ही मेडिकल और आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा है। निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, राहुल तिर्की, आकाश तिर्की ने बताया कि बंद सुबह छह बजे से शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगा।

आदिवासी संगठनों ने कई मुद्दों को लेकर बुधवार को झारखंड बंद बुलाया है। साथ ही मेडिकल और आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा है। निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, राहुल तिर्की, आकाश तिर्की ने बताया कि बंद सुबह छह बजे से शाम छह बजे तक प्रभावी रहेगा। इस दौरान आदिवासी संगठन जुलूस निकालेंगे और अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज करवाएंगे।
रांची के सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के समीप फ्लाईओवर का रैंप उतारने के विरोध में और मरांग बुरु पारसनाथ पहाड़, लुगू बुरु, पिठौरिया के मुड़हर पहाड़, तमा के दिउरी दिरी को बचाने व पेसा कानून को झारखंड में लागू करने की मांग को लेकर बंद का आह्वान किया गया है। इससे पहले बंद समर्थकों ने मंगलवार को रांची के परमवीर अलबर्ट एक्का चौक में मशाल जुलूस निकाला। इसकी अगुवाई केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली बचाओ मोर्चा और आदिवासी बचाओ मोर्चा ने की।
इधर, रांची समेत आसपास के क्षेत्रों में अप्रिय घटना को रोकने के लिए 1000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। सभी थानों को लगातार गश्ती का निर्देश दिया गया है। ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। इसके अलावा सिटी कंट्रोल रूम से भी पुलिस-प्रशासन के अधिकारी हर पल की खबर लेते रहेंगे
आदिवासी संगठनों ने मंगलवार को अलबर्ट एक्का चौक पर मशाल जुलूस निकाला। जुलूस केंद्रीय सरना स्थल सिरम टोली बचाओ मोर्चा व आदिवासी बचाओ मोर्चा ने निकाला। इसमें बुधवार को झारखंड बंद का आह्वान किया गया। यह बंदी केंद्रीय सरना स्थल के समीप फ्लाईओवर के रैंप के विरोध, मरांग बुरु पारसनाथ पहाड़ को बचाने, लुगू बुरु, मुड़हर पहाड़ पिठोरिया, दिउरी दिरी तमाड़ को बचाने, बेड़ो महादनी सरना स्थल को बचाने सहित पेसा कानून को झारखंड में लागू करने की मांग को लेकर की गई है। बंद में आवश्यक व मेडिकल सेवाओं को मुक्त रखा जाएगा। बंद सुबह छह से शाम छह बजे तक बुलाई गई है। मौके पर निरंजना हेरेंज, कुंदरसी मुंडा, प्रेमशाही मुंडा, राहुल तिर्की आदि थे।