बोले बोकारो: सभी क्रिकेट क्लबों को मिले वोटिंग का अधिकार और निष्पक्ष चुनाव हो
बोकारो जिला क्रिकेट संघ का चुनाव विवाद में फंसा हुआ है। खिलाड़ियों का कहना है कि संघ की भ्रष्टाचार और चुनावी प्रक्रिया ने उनके भविष्य को खतरे में डाल दिया है। कई क्लबों को मतदान के अधिकार से वंचित...

आज के दौर में क्रिकेट भारत का सबसे लोकप्रिय खेल है। इस खेल में बहुत से युवा अपना भविष्य संवारने का सपना देखते हैं। मेहनत भी करते हैं। लेकिन, हर किसी को वह मुकाम नहीं मिल पाता है, जिसकी वह चाह रखते हैं। बोकारो जिला क्रिकेट संघ का न तो कोई अपना कार्यालय है और न ही प्ले ग्राउंड है। ऐसे में बोकारो के वैसे क्रिकेटर जो क्रिकेट को अपने जीवन का आधार बनाना चाहते हैं, आज तक अधर में हैं। विगत दो वर्षों में बोकारो जिला क्रिकेट संघ भ्रष्टाचार को लेकर काफी सुर्खियों में रहा है। इसके बाद जिला संघ की कमेटी को भंग कर दिया गया।
अब नया विवाद सामने आ रहा है। जब जिला संघ का चुनाव होना है। ऐसे में क्रिकेट खेल से संबंध रखने वाले युवाओं को मनोबल कमजोर हो रहा है। वजह है कि कुछ लोग संघ में अपना अधिपत्य जमाने के लिए यहां के खिलाड़ियों के भविष्य से खिलवाड़ करने को आतुर है। हिन्दुस्तान बोले बोकारो संवाद कार्यक्रम में बोकारो जिला क्रिकेट संघ से जुड़े खिलाड़ियों ने कहा कि बोकारो के क्रिकेट खिलाड़ियों का वर्तमान और भविष्य संघ से जुड़ा है। लेकिन, संघ खुद के ही विवाद से उबर नहीं पा रहा है। भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई नहीं होने से उनका मनोबल बढ़ता जा रहा है। आलम यह है कि दो वर्ष से अडोप्ट कमेटी के माध्यम से चल रहा बोकारो जिला क्रिकेट संघ में चुनाव होना है। लेकिन, अपनी पकड़ बरकरार रखने के लिए कुछ लोग कायदा कानून को भी ताक पर रख कर अपने पक्षधरों को मतदान के लिए अधिकार देते नजर आ रहे हैं। वहीं, विरोध करने वालों को मतदान के अधिकार तक से वंचित किया जा रहा है। इस कारण जिला संघ के क्लाबों ने मोर्चा खोल दिया है। खास कर वैसे क्लब जो हर वर्ष नियमानुसार अपने रजिस्ट्रेशन को बचाए रखने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी करते हैं। इससे क्लब सदस्यों में उबाल है। इसको लेकर एक क्लब के सदस्य व पूर्व रनजी ट्रॉफी खिलाड़ी ने झारखंड राज्य क्रिकेट संघ के सचिव को पत्राचार कर निष्पक्ष चुनाव की मांग तक कर डाली। 14-15 क्लबों को मतदान के अधिकार से कर दिया वंचित : खिलाड़ियों ने कहा कि बेरमो क्षेत्र में करीब 8 क्लब बोकारो जिला क्रिकेट संघ से रजिस्टर्ड हैं, जो नियमानुसार जिला संघ की पूरी प्रक्रिया पूरी करते हैं। इसके बाद भी बेरमो के क्लबों को मतदान के अधिकार से वंचित रखा गया है। साथ ही जो इनके फेवर में काम नहीं करते हैं, ऐसे क्लबों को भी मतदान से वंचित रखा गया है। केवल वैसे लोगों को मतदान का अधिकार देने का काम किया गया है, जो पूर्व जिला सचिव के इशारे पर सब कुछ करने को तैयार हैं। इससे खिलाड़ियों में आक्रोश है। खिलाड़ियों में इस बात का भी रोष है कि वोटिंग के लिए अंपायर, कोच, ट्रेनर व स्कोर्र को वोटिंग का अधिकार दिया गया है, जो कहीं नहीं होता है। कहा कि खिलाड़ियों के जीवन से खिलवाड़ करने के लिए कुछ लोग मनमानी कर रहें हैं, जिसकी लिखित शिकायत जेएससीए के सचिव को पत्राचार कर किया गया है। 2011 के बाद नहीं हुआ एजीएम व एसजीएम, फिर कैसे बदला नियम : खिलाड़ियों ने कहा कि बोकारो जिला क्रिकेट संघ की अंतिम एनुवल जनरल मीटिंग वर्ष 2011 में हुई थी। इसके बाद से अब तक कभी भी न तो एजीएम हुई और न एसजीएम हुई। लेकिन, चुनाव के लिए जो कायदा तय किया गया है, उसके तहत 2015-16 की नियमावली का हवाला कैसे दिया जा रहा है। खिलाड़ी जानना चाहते हैं कि बिना बैठक के यह नियमावली सदन में कब और कैसे पारित हुई? जिस नियमावली के मुताबिक बोकारो के एक भी वैसे खिलाड़ी को वोटिंग का अधिकार नहीं दिया गया, जो नेशनल लेबल तक खेल चुके हैं। वैसे क्लबों को मतदान अधिकार से कैसे वंचित किया गया, जो नियमानुसार संघ की हर प्रक्रिया को पूरी करता है। कहा कि इन सब के पीछे लगभग 20 वर्षों के अधिपत्य को बरकरा रखने का प्रयास किया जा रहा है। शिकायतें 1. बोकारो जिला क्रिकट संघ जिस नियमावली से चुनाव कराने की बात कर रहा है, उस नियमावली से कभी एनुअल मीटिंग नहीं हुई। 2. बेरमो सहित बोकारो के कई अन्य क्लाबों से वोटिंग का अधिकार छीन लिया गया है, जो बायलॉज के खिलाफ है। 3. दूसरे प्रदेश के युवाओं को ट्रायल की सूचना मिल जाती है। पहुंचते भी हैं, पर जिले के खिलाड़ियों को सूचना नहीं दी जाती। 4. अंपायर, कोच, स्कोर्र को वोटिंग राइट देकर कुछ लोग अपना स्वार्थपूर्ति करना चाहते हैं। इससे बोकारो के युवा क्रिकेटरों का भविष्य गर्त में चला जाएगा। 5. जिला क्रिकेट संघ जिसे अपना कार्यालय बता कर रसीद आदि काट रहा है, वो वास्तव में संघ का नहीं है। बल्कि बीएसएल का अपना भवन है। सुझाव 1. जिला क्रिकट संघ का चुनाव निष्पक्ष हो। ऐसा नहीं होने पर यहां के खिलाड़ियों का शोषण होगा। खेलने का मौका भी नहीं मिलेगा। 2. जिन क्लबों को बेवजह वोटिंग राइट से वंचित किया गया है। उन क्लबों को सम्मान सहित वोटिंग अधिकार दिया जाना चाहिए। 3. बोकारो संघ द्वारा बोकारो के युवाओं का चयन परफॉर्मेंश के आधार पर किया जाना चाहिए। 4. अम्पायर, कोच व स्कोर्र के स्थान पर बोकारो से नेशनल व रणजी ट्रॉफी खिलाड़ियों को मतदान का अधिकार दिया जाना चाहिए। जो खिलाड़ियों की कद्र करें। 5. वार्षिक सदस्यता शुल्क जमा नहीं करने वालों को आजीवन सदस्य से हटाया जाए। ताकि चुनाव में पारदर्शिता बरकरार रहे। जेएससीए हस्तक्षेप करे।
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