मासंत पर्व पर छऊ नृत्य कार्यक्रम में उमड़ा जनसैलाब, सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण पर जोर
मासंत पर्व के अवसर पर बांझीकुसुम में छऊ नृत्य कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सन्नी उरांव ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि छऊ नृत्य सांस्कृतिक पहचान और भाईचारे का प्रतीक है। विधायक...

मासंत पर्व के अवसर पर बांझीकुसुम में आयोजित छऊ नृत्य कार्यक्रम में झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सन्नी उरांव ने शिरकत कर आयोजन की शोभा बढ़ाई। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छऊ नृत्य न सिर्फ एक सांस्कृतिक कला है, बल्कि यह आपसी भाईचारे और सामाजिक समरसता का प्रतीक भी है। सन्नी उरांव ने कहा कि झारखंड की सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने में छऊ नृत्य की अहम भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्र में यह कला परंपरागत तरीके से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है, जिसे संरक्षित और प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि विधायक सुखराम उरांव भी लगातार इस कला को संरक्षण देने और कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं।
कार्यक्रम में छऊ नृत्य कमेटी द्वारा झामुमो प्रखंड अध्यक्ष सन्नी उरांव का पारंपरिक रीति-रिवाज से भव्य स्वागत किया गया। उन्होंने नृत्य कार्यक्रम का आनंद उठाया और कलाकारों की प्रस्तुति की सराहना करते हुए उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर विधायक प्रतिनिधि पीरु हेम्ब्रम, समाजसेवी प्रदीप महतो समेत बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने छऊ नृत्य को झारखंड की सांस्कृतिक पहचान बताते हुए इसके संरक्षण की दिशा में एकजुट प्रयास की जरूरत पर बल दिया। ग्रामीणों ने इस प्रकार के आयोजनों को नियमित करने की मांग भी की, जिससे आने वाली पीढ़ी इस सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी रह सके।
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