झारखंड में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी; नक्सली कमांडर ढेर, 15 लाख का इनामी माओवादी भी दबोचा
पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ सोमवार को हुसैनाबाद के बरवाही और नैया गांवों के बीच हुई। मुठभेड़ के बाद एक सीपीआई (माओवादी) का शव बरामद किया गया।

झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षाबलों को उस वक्त एक बड़ी कामयाबी मिली, जब उन्होंने प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के एक कमांडर को मार गिराया। मारे गए माओवादी का नाम तुलसी भुइयां है। इसके साथ ही इस मुठभेड़ में उसका सहयोगी और 15 लाख रुपए का इनामी नक्सलवादी नितेश यादव भी घायल हो गया। मुठभेड़ के बाद पुलिस ने तलाशी अभियान चलाते हुए घटनास्थल से एक सेल्फ लोडिंग राइफल समेत कई हथियार बरामद किए हैं।
पुलिस ने बताया कि सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच यह मुठभेड़ सोमवार को हुसैनाबाद के बरवाही और नैया गांवों के बीच हुई। मुठभेड़ के बाद एक सीपीआई (माओवादी) का शव बरामद किया गया।
घटना की जानकारी देते हुए पलामू के पुलिस अधीक्षक (एसपी) रेशमा रमेसन ने कहा, 'हमें कल सूचना मिली थी कि 15 लाख रुपए का इनामी नितेश यादव समेत दो माओवादी अपने साथियों के साथ हुसैनाबाद पुलिस क्षेत्राधिकार में बरवाही और नैया गांवों के बीच एक स्थान पर एकत्र हुए हैं और किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि ‘झारखंड जगुआर, CRPF और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई टीम गठित की गई है। सूचना के आधार पर टीम ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया। ‘जैसे ही माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों को देखा, उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। टीम ने जवाबी कार्रवाई की, जिसके चलते तुलसी भुइयां की मौत हो गई।’
उन्होंने कहा, "हमने घटनास्थल से एक एसएलआर, एक मैगजीन और अन्य दैनिक उपयोग की वस्तुएं भी बरामद की हैं।’ रमेसन ने कहा कि तलाशी अभियान अभी भी जारी है।
उधर पलामू जोनल आईजी सुनील भास्कर ने कहा कि पुलिस ने 300 राउंड गोलियां चलाईं और करीब 12 घंटे तक गोलीबारी चली। उन्होंने कहा कि गोलीबारी में कम से कम छह माओवादी शामिल थे।
सुरक्षा बलों ने यहां बड़े पैमाने पर नक्सल विरोधी अभियान चलाया है और पिछले कुछ दिनों में तीन खूंखार माओवादियों को ढेर किया गया है, जिनमें से एक सोमवार को मारा गया। समीपवर्ती लातेहार जिले में प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) का सदस्य मनीष यादव, जिसके सिर पर 5 लाख रुपए का इनाम था, सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया, जबकि एक अन्य लाल विद्रोही को गिरफ्तार किया गया।