दो लोगों से 1.13 लाख की ठगी, अज्ञात के खिलाफ शिकायत
देवघर में साइबर अपराधियों ने दो लोगों को ठगी का शिकार बना लिया। एक पीड़ित का मोबाइल खो जाने के बाद उसके खाते से 77,900 रुपए उड़ाए गए, जबकि दूसरी महिला को फर्जी कॉल पर केवाईसी अपडेट के नाम पर 36,200...

देवघर,प्रतिनिधि। साइबर अपराधियों ने जिले में फिर से अपने पैर पसारते हुए दो अलग-अलग लोगों को ठगी का शिकार बना डाला। सोमवार को साइबर थाना में दो शिकायत दर्ज किया गया है। दोनों मामलों में कुल 1 लाख 13 हजार 100 रुपए की ठगी की गई है। पीड़ितों में एक सीमावर्ती बिहार राज्य के जमुई जिले से हैं, जो वर्तमान में देवघर में निवास कर रहे हैं, जबकि दूसरी एक महिला नवाडीह (रिखिया थाना क्षेत्र) की रहने वाली हैं। दोनों मामलों में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पहला मामला :- मोबाइल नंबर से फर्जीवाड़ा कर उड़ाए 77,900 रुपए:- पहली शिकायत चंद्रमंडीह, जमुई (बिहार) निवासी बाबूलाल मास्टर ने दर्ज कराई है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में वह देवघर नगर थाना क्षेत्र के बेला बगान मोहल्ला में रहते हैं। कुछ दिनों पहले उनका मोबाइल फोन खो गया था। उसी मोबाइल नंबर से किसी अज्ञात व्यक्ति ने यूपीआई आईडी बनाकर उनके खाते से 77,900 रुपए फर्जी खातों में ट्रांसफर कर लिए। घटना की जानकारी बाबूलाल को तब हुई जब उन्होंने मोबाइल नंबर का नया सिम निकलवाकर अपने फोन में लगाया और गूगल पे ऐप इंस्टॉल कर अकाउंट की जांच की। जैसे ही उन्होंने ऐप खोला, उन्हें अकाउंट से बड़ी रकम की निकासी की सूचना मिली। यह देखकर वह हैरान रह गए और तुरंत साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। दूसरा मामला :- फर्जी कॉल पर केवाईसी अपडेट के नाम पर 36,200 की ठगी: दूसरी शिकायत नवाडीह (रिखिया थाना क्षेत्र) की एक महिला ने की है। उन्होंने बताया कि उन्हें एक अज्ञात व्यक्ति का कॉल आया, जिसमें खुद को किसी बैंक का प्रतिनिधि बताते हुए “मैया सम्मान योजना” के तहत केवाईसी अपडेट करने की बात कही गई। झांसे में आकर महिला ने अपनी व्यक्तिगत जानकारी, खाता संख्या, ओटीपी और अन्य डिटेल्स साझा कर दी। कुछ ही घंटों बाद उनके मोबाइल पर खाते से 36,200 रुपए किसी अज्ञात खाते में ट्रांसफर होने का संदेश आया। घबराई महिला तुरंत स्थानीय बैंक पहुंची, जहां बैंक कर्मियों ने बताया कि यह साइबर ठगी का मामला है। इसके बाद उन्होंने साइबर थाना जाकर लिखित शिकायत दी। पुलिस कर रही है जांच:- दोनों मामलों को गंभीरता से लेते हुए साइबर थाना की टीम जांच में जुट गई है। संबंधित मोबाइल नंबरों, ट्रांजैक्शन डिटेल्स और खातों की जानकारी निकाली जा रही है। पुलिस को शक है कि इसमें किसी गिरोह का हाथ हो सकता है जो यूपीआई और फर्जी केवाईसी के जरिए लोगों को निशाना बना रहा है।
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