आखिर अचानक कैसे बिगड़ गई हीरालाल की तबीयत
Prayagraj News - प्रयागराज के नारेपार बुदौना गांव में पुलिस कस्टडी में हीरालाल की अचानक तबीयत बिगड़ने के बाद उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया। हीरालाल का परिवार दुखी है और पोस्टमॉर्टम...

प्रयागराज, वरिष्ठ संवाददाता। नवाबगंज थानाक्षेत्र के नारेपार बुदौना गांव के पुलिस कस्टडी में हीरालाल की अचानक तबीयत बिगड़ने और फिर कुछ देर बाद अस्पताल में मौत होने को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। घटना की जानकारी होते ही हीरालाल के घर पर काफी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। मृतक की बूढ़ी मां, बेटी व दोनों बेटों सहित परिवार के अन्य सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल रहा। नारेपार बुदौना गांव के रामकिशुन का पुत्र 40 वर्षीय हीरालाल मजदूरी करता था। कुछ साल पहले उसका पत्नी से तलाक हो चुका है। उसके दो बेटे अमन व अभिषेक और एक बेटी महिमा हैं।
गांव के ही उदित नारायण तिवारी ने बागेश्वर धाम जाते वक्त हीरालाल सहित तीन लोगों को अपने घर की अस्थायी चौकीदारी की जिम्मेदारी दी थी लेकिन, मकान का ताला तोड़कर नकदी व जेवरात चोरी हो गए। उदित नारायण ने अपनी तहरीर में हीरालाल सहित तीनों चौकीदारों पर शक जताया था। परिजनों व ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार रात लगभग 11 बजे सादे कपड़ों में एसओजी टीम हीरालाल के दरवाजे पर पहुंची। हीरालाल, उसके तीनों भाइयों व बड़े बेटे को हिरासत में लेकर चली गई। उस वक्त हीरालाल की तबीयत पूरी तरह ठीक थी, लेकिन अचानक पुलिस कस्टडी में उसकी तबीयत कैसे बिगड़ गई। परिवार की सदस्य रोते हुए पुलिस पर सख्ती बरतने का आरोप लगाते रहे। फिलहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने आरोप को बताया निराधार एडीसीपी गंगानगर पुष्कर वर्मा ने बताया कि जिस वक्त हीरालाल को पूछताछ के लिए डांडी पुलिस चौकी बुलाया गया था उस वक्त उसका परिवार भी मौजूद था। अचानक उनके सीने में दर्द होने पर पुलिस ने तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्होंने बताया कि मृतक के परिजनों व ग्रामीणों का आरोप पूरी तरह निराधार है। हीरालाल से पूछताछ के दौरान किसी तरह की सख्ती नहीं बरती गई थी।
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