सीएमपीएफ में ही जमा होगा ठेका मजदूरों का पीएफ
धनबाद में कोयला विभाग के कर्मियों की संख्या हर साल घट रही है, जिससे कोयला खान भविष्य निधि संगठन (CMPF) पर असर पड़ा है। सेवानिवृत्त कर्मियों की संख्या बढ़ने के कारण पीएफ फंड में कम पैसा जमा हो रहा है।...

धनबाद, विशेष संवाददाता। विभागीय कोयला कर्मियों की संख्या हर साल घट रही है। इस कारण कोयला खान भविष्य निधि संगठन पर भी असर पड़ा है। कर्मियों की संख्या घटने से पीएफ फंड में पैसा कम जमा हो रहा और सेवानिवृत्तों की संख्या बढ़ने से निकासी ज्यादा हो रही है। बीएमएस के कोयला प्रभारी सह जेबीसीसीआई सदस्य के लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि अब आउटसोर्सिंग और निजी कोयला कंपनियों को सीएमपीएफ में पीएफ की राशि जमा करने की बाध्यता है। एनआईटी में संशोधन कर दिया गया है। स्पष्ट लिखा जा रहा है कि कामगारों के भविष्य निधि की राशि सीएमपीएफ में जमा करनी होगी।
अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ की कार्यसमिति बैठक में भाग लेने के लिए धनबाद पहुंचे रेड्डी ने कहा कि पहले एनआईटी यानी कांट्रेक्ट देने के समय किए जाने वाले करार में पीएफ के लिए सीएमपीएफओ/ईपीएफओ लिखा रहता था। अब सिर्फ सीएमपीएफओ लिखा जा रहा है। यानी हर हाल में आउटसोर्सिंग कंपनियों को सीएमपीएफओ में ठेका मजदूरों के पीएफ का पैसा जमा करना होगा, जिससे कई फायदे हैं। सीएमपीएफओ की सदस्यता बढ़ेगी। साथ ही सीएमपीएफओ में ज्यादा फंड भी जमा होगा। मालूम हो कि जिस रफ्तार से कोल कंपनियों में विभागीय कर्मियों की संख्या घट रही है, उसी रफ्तार से ठेका मजदूरों की संख्या बढ़ रही है। सीएमपीएफओ में ठेका मजदूरों के जुड़ने से कोल सेक्टर में कार्यरत ठेका मजदूरों की वास्तविक संख्या का भी पता चलेगा।
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