उत्तराखंड के शहरों में ड्रेनेज सिस्टम की जरूरत, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नीती आयोग से की ये 5 मांगें
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में तेजी से हो रहे शहरीकरण की वजह से शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी शनिवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित हुई नीति आयोग की शासी परिषद की दसवीं बैठक में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य से जुड़े अनेक मुद्दे उठाए और अनेक परियोजनाओं की स्वीकृति का अनुरोध भी किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर शहरी क्षेत्रों में टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने की जरूरत है और इसके लिए विशेष योजना तैयार की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से हो रहे शहरीकरण की वजह से शहरों में ड्रेनेज की समस्या एक गंभीर चुनौती बन चुकी है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस समस्या के समाधान के लिए राष्ट्रीय स्तर पर टिकाऊ ड्रेनेज प्रणाली विकसित करने के लिए जल्द विशेष योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की जीडीपी में प्राथमिक सेक्टर का योगदान मात्र 9.3 प्रतिशत है। जबकि इस काम में लगभग 45 प्रतिशत आबादी लगी है।
इस समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश के काश्तकारों को लो वैल्यू एग्रीकल्चर की बजाए हाई वैल्यू एग्रीकल्चर अपनाने के लिए प्रेरित किया है। इसके लिए एप्पल मिशन, कीवी मिशन, ड्रैगन फ्रूट मिशन, मिलेट मिशन तथा सगंध कृषि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।धामी ने कहा कि सरकार राज्य में वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन पर विशेष फोकस कर रही है। राज्य की अर्थव्यवस्था में पिछले तीन सालों में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है।
नदी जोड़ो परियोजना पर काम करने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि उत्तराखंड में हिमनद और वर्षा आधारित नदियों को आपस में जोड़े जाने की जरूरत है। कहा कि प्रदेश में हिमनद आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की दिशा में नदी जोड़ो परियोजना के साथ ही चेक डैम्स और लघु जलाशयों के निर्माण के जरिए वर्षा जल को संरक्षित करने के प्रयास किया जाना जरूरी है।
उन्होंने पीएम कृषि सिंचाई योजना की गाइडलाइन में लिफ्ट इरिगेशन को शामिल करने का भी अनुरोध किया। कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों के कारण वर्तमान में पर्वतीय क्षेत्र का मात्र 10 प्रतिशत भूभाग ही सिंचित हो पा रहा है।
कुंभ और नंदा राजजात यात्रा के लिए मांगा सहयोग
मुख्यमंत्री ने इस दौरान हरिद्वार में आयोजित होने वाले कुंभ और चमोली में आयोजित होने वाली मां नन्दा राजजात यात्रा के सफल आयोजन के लिए भी सहयोग मांगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में डेमोग्राफिक डिविडेंड (जनसांख्यिकीय लाभांश) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस दृष्टि से आने वाले दस साल हमारे प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इन्हीं वर्षों में हम डेमोग्राफिक डिविडेंड का सर्वाधिक लाभ उठा सकते हैं।
जियोथर्मल ऊर्जा नीति जल्द आएगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्द जियोथर्मल ऊर्जा नीति लागू की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है, इस योजना के लाभार्थी प्रतिमाह एक लाख रूपए से अधिक की आमदानी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में पर्यटकों को साहसिक पर्यटन, इको टूरिज्म और हाई-एंड टूरिज्म के माध्यम से आकर्षित करने के लिए भी नीति बनाकर जमीनी स्तर पर काम शुरू कर रही है।
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