भारत में कब दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, सामने आ गई तारीख; मुंबई तक कब पूरा होगा काम
गुजरात में काम तेजी से हुआ है, जबकि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण को लेकर पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार के समय परियोजना लगभग तीन साल तक रुकी रही।

भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए मुंबई से अहमदाबाद के बीच 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है। इसको लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2028 तक यह गुजरात में साबरमती से वापी के बीच शुरू हो सकती है। पूरे मार्ग पर 2030 तक ट्रेन के दौड़ने की संभावना जताई गई है। सीएनएन न्यूज-18 ने अपनी एक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी है।
नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) द्वारा राइडरशिप सर्वे कराया जाएगा, जिसमें यात्री संख्या, किराया निर्धारण और ट्रैफिक अनुमान तय किए जाएंगे। सर्वे में यह आकलन किया जाएगा कि कौन-कौन से मौजूदा यात्रा विकल्प जैसे कि कार, टैक्सी, बस, एसी ट्रेन, हवाई यात्रा आदि से यात्री हाई-स्पीड रेल की ओर आकर्षित होंगे। यह सर्वे विशेष रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे के आसपास के क्षेत्रों में किया जाएगा।
इस रेल लाइन की कुल दूरी 508 किलोमीटर की होगी। गुजरात में करीब यह 348 किमी की दूरी तय करेगी। इसके बाद महाराष्ट्र में लगभग 156 किमी के ट्रैक पर बुलेट ट्रेन दौड़ेगी। महाराष्ट्र में मुंबई (BKC), ठाणे, विरार, बोईसर में स्टेशन तैयार किए जा रहे हैं। वहीं, गुजरात में वापी, बिलीमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद, साबरमती स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब तक 300 किमी वायाडक्ट का निर्माण हो चुका है। मुंबई के BKC स्टेशन पर 76 प्रतिशत खुदाई का काम पूरा हो चुका है। 383 किमी पियर वर्क, 401 किमी फाउंडेशन और 326 किमी गर्डर कास्टिंग भी पूरी हो चुकी है।
महाराष्ट्र में क्यों हो रही है देरी
गुजरात में काम तेजी से हुआ है, जबकि महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण को लेकर पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार के समय परियोजना लगभग तीन साल तक रुकी रही।
आपको बता दें कि इस परियोजना के शुरू होने से भारत दुनिया के उन चुनिंदा 15 देशों की सूची में शामिल हो जाएगा जहां हाई-स्पीड रेल प्रणाली मौजूद है। बुलेट ट्रेन से यात्रा समय में भारी कमी, प्रदूषण में गिरावट, सड़क दुर्घटनाओं में कमी, रोजगार के नए अवसर, विदेशी तेल पर निर्भरता में कमी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।