कोरोना के नए वेरिएंट से लड़ने को उत्तराखंड कितना तैयार? जुकाम समेत इन मरीजों के लिए खास इंतजाम
उत्तराखंड में कोरोना के केस मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट मोड पर आ गया है। सरकारी अस्पतालों में फ्लू ओपीडी चलाने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं।

देश के कई राज्यों में कारोना के नए वेरिएंट मिलने के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। कोरोना केसों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से उत्तराखंड में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आने के बाद राज्य के सभी बड़े अस्पतालों में अलग से फ्लू ओपीडी संचालित करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही कोविड टेस्टिंग बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
विदित है कि शुक्रवार को ही ऋषिकेश में अन्य राज्यों से आई दो महिलाओं में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। इनमें एक एम्स की डॉक्टर तो दूसरी गुजरात की महिला है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अभी कोरोना संक्रमण का कोई मामला नहीं मिला है। लेकिन बाहर से आए दो संक्रमितों के मिलने के बाद सतर्कता बढ़ाई जा रही है।
इसके तहत सभी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में अलग से फ्लू ओपीडी संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही कोरोना जांच बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिदिन अभी 20 से 30 सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं और इनकी संख्या बढ़ाने को कहा गया है।
सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि उत्तराखंड में किसी भी व्यक्ति में अभी कोरोना संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। बाहर से आए जिन लोगों में संक्रमण मिला उनकी स्थिति भी ठीक है। हालांकि सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रहने और अधिक से अधिक संख्या में जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। अस्पतालों को फ्लू ओपीडी चलाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कोविड की दस्तक की आहट,स्वास्थ विभाग अलर्ट मोड पर
देश में एक बार फिर लगातार बढ़ रहे कोविड को लेकर सरकारी अस्पताल ने तैयारियां शुरू कर दी। इसी के तहत उप जिला चिकित्सालय में प्रभारी सीएमएस डॉ. वीपी सिंह व वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. मनी पुनियानी ने अस्पताल के आईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन व वेंलटिलेटर आदि का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को जांचा। विदित हो कि देश के कुछ राज्यों में कोविड़ के मामले तेजी से बढ़ रहे है।
जिसको देखते हुए शासन ने सभी सरकारी अस्पताल प्रबन्धन को अलर्ट पर रखा है। सरकार ने अस्पताल में मौजूद चिकित्सा व्यवस्था को पहले से ही ठीक करने के निर्देश दिये है, ताकि कोविड़ के खतरे को कम किया जा सके। शासन से मिले दिशा-निर्देशों पर प्रभारी सीएसएस डॉ. सिंह व डॉ. पुनियानी ने उप जिला चिकित्सालय के आईसीयू में मौजूद वेंलटिलेटर की जांच की। डॉ. सिंह ने बताया कि सौ बेड वाले उप जिला चिकित्साल में सभी बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था है।
वहीं अस्पताल में 13 वेंलटिलेटर मशीन व आईसीयू वार्ड में कुल 11 वार्ड है। वहीं अस्पताल आने वाले सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों की अस्पताल की लैंब में रैपिड़ जांच की जा रही है। डॉ. सिंह ने बताया कि अभी तक कोरोना संक्रमित नही आया है। यदि कोरोना संक्रमित मरीज अस्पताल आते है तो शासन द्वारा जारी की गई गाइड लाइन का पालन किया जायेगा।
यदि जरूरत पड़ी तो अलग कोविड वार्ड व टेस्टिंग वार्ड भी बनाऐं जायेगें। अस्पताल कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने लोगों से भीड़ में आने से बचने, मुंह पर मास्क लगाने, हाथ को सेनेटाइज करने व कोविड नियमों का पालन करने की अपील की।
मुंबई से देहरादून आए एक अन्य व्यक्ति में मिला संक्रमण
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बाहर से आकर संक्रमित पाए गए लोगों की कुल संख्या तीन है। ऋषिकेश में पॉजीटिव मिली दो महिलाओं के अलावा एक अन्य संक्रमित व्यक्ति मुंबई से दून पहुंचा था। हालांकि वह अगले दिन ही वापस लौट गया था। लेकिन बाद में आई जांच रिपोर्ट में उसमें भी कोरोना की पुष्टि हुई है। इधर स्वास्थ्य विभाग ने ऋषिकेश में संक्रमित मिली दोनों महिलाओं के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए वायरोलॉजी लैब भेज दिए हैं।
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