हिमाचल में मौसम बेरहम,चोटियों पर बर्फबारी, मैदानी इलाकों में बारिश और ओलों ने मचाई तबाही
Himachal Pradesh Weather News: शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में जगातखाना के पास शनिवार देर शाम बादल फटने की घटना में भारी नुकसान हुआ है। कई वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए जबकि कुछ मकानों को भी क्षति पहुंची है। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।

हिमाचल प्रदेश में मई के महीने में मौसम के तेवर बदले हुए हैं। गर्मी के इस महीने में राज्य की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी और निचले व मध्यवर्ती क्षेत्रों में तेज बारिश व ओलावृष्टि हो रही है। राज्य के कई हिस्सों में तेज हवाएं चल रही हैं और ठंड लौट आई है। राजधानी शिमला व मनाली समेत कई पर्यटन स्थलों में मौसम पूरी तरह से ठंडा हो गया है। मौसम विभाग ने राज्यभर में 31 मई तक के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान भारी बारिश, ओलावृष्टि, तेज आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है।
रामपुर के पास बादल फटा,गाड़ियां बहीं,मकानों को नुकसान
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में जगातखाना के पास शनिवार देर शाम बादल फटने की घटना में भारी नुकसान हुआ है। कई वाहन पानी के तेज बहाव में बह गए जबकि कुछ मकानों को भी क्षति पहुंची है। राहत की बात यह रही कि इस घटना में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई।
तेज हवाओं का कहर,कई क्षेत्रों में बिजली गुल
शनिवार रात से ही राज्य के विभिन्न हिस्सों में आंधी का दौर जारी है। कई स्थानों पर तेज हवाओं की वजह से पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटनाएं सामने आई हैं। हमीरपुर के नेरी में सबसे तेज 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। बिलासपुर और रिकांगपिओ में 59, कुफरी में 56, शिमला में 44, धौलाकुआं और हमीरपुर में 43 तथा नारकंडा में 41 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं दर्ज की गईं।
मई में सामान्य से 35 प्रतिशत अधिक वर्षा
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार इस बार मई में अब तक सामान्य से 35 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई है। बीते 24 घण्टों में सिरमौर के पच्छाद में सर्वाधिक 107 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई है। सोलन के कंडाघाट में 103 मिमी, नगरोटा सुरियां में 43, भरविन में 42, चौपाल में 40, रामपुर में 38, सोलन में 36 और शिमला में 22 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई।
ठंड ने लौटाई दिसंबर की याद,तापमान में गिरावट
राज्यभर में बारिश और ओलावृष्टि के चलते तापमान में भारी गिरावट आई है। शिमला का न्यूनतम तापमान 12 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4 डिग्री कम है। मनाली में तापमान 13.1, कल्पा में 10.2, कुफरी में 9.7, नारकंडा में 8.4 और कुकुमसेरी में 7.6 डिग्री दर्ज किया गया। प्रदेश का औसतन न्यूनतम तापमान सामान्य से करीब 3 डिग्री नीचे लुढ़क गया है।
सेब-बागवानी को नुकसान, किसानों की बढ़ी चिंता
बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने बागवानी और खेती पर भी असर डाला है। खासकर सेब, नाशपाती, प्लम और अन्य गठलीदार फलों को नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा जहां देर से रबी की फसल की कटाई हुई है या गर्मियों की सब्जियां लगाई गई हैं, वहां भी नुकसान की आशंका है। बागवानों और किसानों की चिंता अब मौसम पर टिकी है।
तेज हवाएं और बिजली गिरने का खतरा
मौसम विभाग ने 25 से 29 मई तक आंधी-तूफान और बिजली गिरने की संभावना जताई है। हवाओं की रफ्तार 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा तक रह सकती है। लोगों को सतर्क रहने और खुले स्थानों, पेड़ों के नीचे या बिजली के खंभों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
27-28 मई को भारी ओलावृष्टि का खतरा
27 और 28 मई को प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी ओलावृष्टि की आशंका है। मौसम विभाग ने इन दो दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। लोगों को मौसम की ताजा जानकारी पर नजर रखने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की गई है।
30-31 मई को भारी बारिश का अलर्ट
30 और 31 मई को कुछ स्थानों पर भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन दिनों तेज हवाएं चलने और गरज-चमक के साथ बारिश की आशंका है। विभाग ने येलो अलर्ट के साथ यह भी चेताया है कि भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए। मौसम विभाग ने अलर्ट वाले दिन लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान गैर-जरूरी यात्रा से बचें। बारिश और बिजली गिरने के समय घरों की खिड़कियां-दरवाजे बंद रखें और सुरक्षित स्थानों में रहें। मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी के लिए विभाग की आधिकारिक वेबसाइट का सहारा लें।
रिपोर्ट : यूके शर्मा
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