Grand Gurmat Samagam Celebrated at Dhanbad Gurudwara with Kirtan and Langar पुर्जा-पुर्जा कट मरे कबहूं ना छांडे खेत, Dhanbad Hindi News - Hindustan
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पुर्जा-पुर्जा कट मरे कबहूं ना छांडे खेत

धनबाद के बड़ा गुरुद्वारा में बड़े श्रद्धा भाव से गुरमत समागम का आयोजन हुआ। रागी जत्था सरबजीत सिंह ने गुरबाणी सबद गायन किया। ढाढ़ी जत्था सतपाल सिंह ने खालसा पंथ का ऐतिहासिक वर्णन किया। इस समागम का...

Newswrap हिन्दुस्तान, धनबादMon, 14 April 2025 05:58 AM
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पुर्जा-पुर्जा कट मरे कबहूं ना छांडे खेत

धनबाद, वरीय संवाददाता बड़ा गुरुद्वारा में बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ गुरमत समागम का आयोजन हुआ। गुरुद्वारा ग्राउंड में अमृतसर से पहुंचे रागी जत्था सरबजीत सिंह ने गुरबाणी सबद गायन कर संगत को निहाल किया। वाह वाह गोविंद सिंह आपे गुर चेला, गुरु सिमर मनाई कालका खंडे की वेला... , ऐसे गुरु को बल बल जाइए आप मुकत मौके तारै..., हर अमृतपान करो साध-संग मन तृप्ता से कीर्तन प्रभ रंग, सुरा सौ पहचानिए जो लड़े दिन के हेत, पुर्जा-पुर्जा कट मरे कबहूं ना छांडे खेत जैसे गायन से पूरा गुरुद्वारा कैंपस गुंजायमान हुआ। इसके बाद ढाढ़ी जत्था सतपाल सिंह ताज ने ढाढ़ी वारो के माध्यम से गायन कर खालसा पंथ का ऐतिहासिक वर्णन करते हुए बताया कि उस समय की जुल्मी हुकूमत जो मानवता को शर्मसार करते हुए कहर ढा रही थी, ऐसे में अन्याय उत्पीड़न और अत्याचारों से दीन की रक्षा धार्मिक स्वतंत्रता और न्याय के लिए खालसा पंथ का सृजन किया गया। सामानता, धार्मिक सहिष्णुता और मानवता वादी मूल्यों पर आधारित एक ऐसा समुदाय का गठन था, जो साहस, प्रतिबद्धता और सामाजिक जागरुकता के उच्चतम सिख सिद्धांतों को कायम रखते हुए मानवता के कल्याण में खरा उतरे। बताया कि खालसा का अर्थ है खलास अर्थात शुद्ध पवित्र।

संध्या में गुरमत समागम व लंगर

संध्या 7:30 बजे से रात 10 बजे तक गुरुद्वारा दीवान हॉल में रागी जत्था एवं ढाढ़ी जत्था की ओर से पुनः सबद गायन किया गया। इसके साथ ही तीन दिवसीय गुरमत समागम का समापन हो गया। इसके बाद गुरु के लंगर का वितरण किया गया। आयोजन को सफल बनाने में गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के राजेंद्र सिंह चहल, महासचिव तेजपाल सिंह, अध्यक्ष दिलजोन सिंह ग्रेवाल, तीरथ सिंह, गुरचरण सिंह माझा, मनजीत सिंह सलूजा, मनजीत सिंह, राजेंद्र सिंह टुटेजा एवं सतपाल सिंह ब्रोका का योगदान रहा।

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