भारत का एक और कारनामा, लेजर हथियार से ड्रोन मार गिराने की 'स्टार वार्स' जैसी ताकत
- डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी कामत ने कहा, 'अमेरिका, रूस और चीन ने ही ऐसी क्षमता दिखाई है। इजरायल भी इस दिशा में काम कर रहा है। मैं कहूंगा कि हम दुनिया में चौथे या पांचवें नंबर पर हैं, जिन्होंने इस सिस्टम को प्रदर्शित किया है।'

भारत ने डिफेंस सेक्टर में एक बार फिर कमाल कर दिखाया है। हम उन चुनिंदा देशों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं, जो हाई-पावर लेजर हथियारों से फिक्स्ड-विंग ड्रोन और स्वार्म ड्रोन को मार गिरा सकते हैं। ये धमाकेदार कामयाबी Mk-II(A) लेजर-डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम के ट्रायल में दिखी, जो कर्नूल के नेशनल ओपन एयर रेंज में हुई। इसने मिसाइल, ड्रोन और छोटे प्रोजेक्टाइल्स को नाकाम करने की टेक्नोलॉजी को मास्टर कर लिया है। डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के अधिकारियों ने बताया, 'इस सफलता ने भारत को अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों के खास क्लब में ला खड़ा किया है, जो हाई-पावर लेजर-DEW टेक्नोलॉजी रखते हैं।'
डीआरडीओ के चेयरमैन समीर वी कामत ने कहा, 'जहां तक मुझे पता है तो अमेरिका, रूस और चीन ने ही ऐसी क्षमता दिखाई है। इजरायल भी इस दिशा में काम कर रहा है। मैं कहूंगा कि हम दुनिया में चौथे या पांचवें नंबर पर हैं, जिन्होंने इस सिस्टम को प्रदर्शित किया है।' उन्होंने कहा कि DRDO कई ऐसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है, जो हमें 'स्टार वार्स कैपैबिलिटी' देगी। कामत ने कहा, 'ये तो बस शुरुआत है। इस लैब ने दूसरी लैब्स, इंडस्ट्री और एकेडमिक्स के साथ जो तालमेल दिखाया, उससे मुझे यकीन है कि हम जल्द अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे। हम हाई-एनर्जी माइक्रोवेव्स और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक पल्स जैसे सिस्टम पर भी काम कर रहे हैं। ये सब मिलकर हमें स्टार वार्स जैसी टेक्नोलॉजी देंगे। आज जो आपने देखा, वो स्टार वार्स टेक्नोलॉजी का एक हिस्सा था।'
बिजली जैसी स्पीड और शानदार सटीकता
भारत में बने Mk-II(A) DEW सिस्टम ने रविवार को अपनी पूरी ताकत दिखाई। इसने लंबी दूरी के फिक्स्ड-विंग ड्रोन को निशाना बनाया, कई ड्रोन के अटैक को नाकाम किया और दुश्मन के सर्विलांस सेंसर व एंटीना को तबाह कर दिया। इसमें बिजली जैसी स्पीड, सटीकता और कुछ सेकंड में टारगेट को नेस्तनाबूद करने की ताकत है। इस तरह यह सबसे पावरफुल काउंटर ड्रोन सिस्टम बन गया है। जैसे ही रडार या इसके इनबिल्ट इलेक्ट्रो-ऑप्टिक सिस्टम से टारगेट डिटेक्ट होता है, लेजर-DEW लाइट की स्पीड से अटैक करता है। ये एक ताकतवर लेजर बीम से टारगेट को काट देता है, जिससे उसका स्ट्रक्चर फेल हो जाता है। अगर वॉरहेड को निशाना बनाया जाए, तो और भी बड़ा धमाका होता है। इस तरह का हथियार युद्ध को बदल सकता है, क्योंकि ये महंगे गोला-बारूद की जरूरत कम करता है और नुकसान का रिस्क भी घटाता है।