संताली भाषा को राज्य का प्रथम राज्य भाषा घोषित करने के मांगों को लेकर मांग पत्र दिया
झारखंड में संताल आदिवासियों ने केजी से पीजी तक ओलचिकी लिपि से पढ़ाई और संताली भाषा को राज्य की प्रथम भाषा बनाने की मांग की। विभिन्न आदिवासी संगठनों ने विधायक लुईस मरांडी को मांग पत्र दिया। आदिवासी...
दुमका, प्रतिनिधि। झारखंड में केजी से पीजी तक संताल आदिवासियों के ओलचिकी लिपि से भी पढ़ाने और संताली भाषा को राज्य का प्रथम राज्य भाषा घोषित करने के मांगों को लेकर विभिन्न आदिवासी संगठनो के प्रतिनिधि मंडल ने जामा विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर लुईस मरांडी को दुमका के निजी आवास में मांग पत्र दिया । इसके साथ साथ इन मांगों को लेकर विधायक के माध्यम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम भी मांग पत्र दिया गया। सामाजिक संगठनों का कहना है कि झारखंड राज्य बनने के 25 वर्षों के बाद भी संताल आदिवासी समुदाय का संपूर्ण सामाजिक, संस्कृतिक,धार्मिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास अपेक्षित स्तर तक नहीं हुआ।
संताल आदिवासी समुदाय झारखंड राज्य में आदिवासी जनसंख्या में सबसे अधिक जनसंख्या है उसके बाद भी संताल समुदाय का संपूर्ण सामाजिक, संस्कृतिक,धार्मिक, शैक्षणिक और आर्थिक विकास अपेक्षित स्तर तक नहीं हो पाया है।
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