Tragic Death of Pregnant Woman in Garhwa Hospital Sparks Outrage Over Medical Negligence सदर अस्पताल में प्रसूता की मौत, लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा, Garhwa Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsGarhwa NewsTragic Death of Pregnant Woman in Garhwa Hospital Sparks Outrage Over Medical Negligence

सदर अस्पताल में प्रसूता की मौत, लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा

गढ़वा सदर अस्पताल में एक प्रसूता गीता देवी की मौत के बाद परिवार ने हंगामा किया। गीता को प्रसव के लिए लाया गया था, लेकिन अस्पताल में कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिवार...

Newswrap हिन्दुस्तान, गढ़वाSun, 15 June 2025 12:49 AM
share Share
Follow Us on
सदर अस्पताल में प्रसूता की मौत, लापरवाही का आरोप लगाकर किया हंगामा

गढ़वा, प्रतिनिधि। सदर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। खासकर गाइनी विभाग में तो चिकित्सक व कर्मियों की संवेदनाएं भी मर सी गई हैं। अक्सर विभाग में व्यवस्था को लेकर हंगामा के अलावा अरोप प्रत्यारोप होता रहता है। शनिवार को भी गाइनी विभाग में एक प्रसूता की मौत हो जाने के बाद मामले की लीपापोती करने के लिए करीब तीन घंटे तक उसके परिजनों से मामले को छुपाए रखा गया। चिकित्साकर्मी उनसे रक्त व दवा लाने की व्यवस्था कराते रहे। बाद में मृतका को जिंदा बता कर रेफर करने का प्रयास किया गया। प्रसूता की मौत होने की जानकारी होने बाद परिजनों ने हंगामा किया।

साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की। मालूम हो कि मेराल थानांतर्गत पचफेड़ी गांव के विनोद चौधरी की पत्नी 25 वर्षीय गीता देवी को शनिवार दोपहर करीब 12 बजे प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। उस समय न तो गाइनी ओपीडी और न ही प्रसव कक्ष में कोई भी चिकित्सक मौजूद था। नर्सों ने ही उसे भर्ती कर लिया। दोपहर 1.30 बजे गीता देवी ने सामान्य प्रसव के जरिए जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। उसके बाद से ही गीता की स्थिति बिगड़ने लगी। परिवार के लोग ओपीडी से लेकर सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कक्ष तक की दौड़ लगाते रहे। मृतका के परिजनों की मानें तो दोपहर बाद करीब 3.15 बजे ही उसकी मौत हो गई, क्योंकि शरीर में कोई भी हरकत नहीं हो रही थी। उसके बाद भी परिजनों को कभी दवा लाने, तो कभी रक्त की व्यवस्था करने के नाम पर उलझाए रखा गया। बताया गया कि शाम करीब 6.15 बजे गीता को रेफर कर दिया। जब परिजनों ने उसके शरीर को छुआ तो उन्हें एहसास हुआ कि गीता की मौत हो चुकी है। उसके बाद मृतका के परिजन रोने लगे और हंगामा शुरु हो गया। उसकी जानकारी मिलने पर उपाधीक्षक डॉ. हरेनचंद महतो प्रसव कक्ष में पहुंचे। उस दौरान मृतका के परिजनों के कड़े तेवर देखकर वह भी मौके से खिसक गए। मृतका के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में न तो प्रसव के लिए कोई तैयारी थी, न ही प्रशिक्षित स्टाफ की मौजूदगी। महिला को भर्ती तो कर लिया गया लेकिन इलाज में लापरवाही के कारण उसकी जान चली गई। घटना की सूचना मिलने के बाद परिजन सहित समाजसेवी सोनू सिंह सदर अस्पताल पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि उनका मरीज ठीक था। चिकित्सक के नहीं रहने के कारण नर्स के द्वारा लापरवाही की गई। उतना ही नहीं सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सहित महिला चिकित्सकों ने गीता के 3.15 बजे मौत होने के बाद भी 6 बजे उसे मेदनीनगर के लिए रेफर कर दिया गया। उसे तत्काल मेदनीनगर ले जाने की सलाह भी दे दी गई।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।