Jharkhand Education Minister Ramdas Soren to Reopen Closed Primary Schools प्रखंड के बाद पंचायत स्तर पर खुलेंगे मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय : मंत्री, Ghatsila Hindi News - Hindustan
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प्रखंड के बाद पंचायत स्तर पर खुलेंगे मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय : मंत्री

झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य में बंद पड़े प्राथमिक विद्यालयों को फिर से खोला जाएगा। भौगोलिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए इन्हें चिह्नित किया जाएगा। मुख्यमंत्री की पहल पर यह...

Newswrap हिन्दुस्तान, घाटशिलाSat, 17 May 2025 06:42 AM
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प्रखंड के बाद पंचायत स्तर पर खुलेंगे मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय : मंत्री

गालूडीह , संवाददाता। शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि राज्य में बंद पड़े प्राथमिक विद्यालय फिर खोले जाएंगे। भौगोलिक क्षेत्र को देखते हुए इन्हें चिह्नित किया जाएगा। इस बारे में विभागीय सचिव को आदेश जारी किये गये हैं। वे शुक्रवार को गालूडीह रिसोर्ट में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहले प्रखंड स्तर पर मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालय खोला जाएगा, फिर हर पंचायत में इसकी स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्व की रघुवर सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता के नाम पर राज्य के 7 हजार प्राथमिक विद्यालय को बंद करवा दिए थे। पहाड़, रेल, नदी, जंगल व सड़क की दूरी के चलते बच्चे ड्रॉपआउट हो रहे हैं।

कैबिनेट की बैठक में इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया और वर्तमान स्थिति और भौगोलिक क्षेत्र के बारे में जानकारी दी गई। वित्त मंत्री सहित सभी मंत्रियों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि वैसे बंद प्राथमिक विद्यालय को चिह्नित करें, जिसे खोलने की जरूरत है। इससे बच्चों को सहूलियत होगी। भौगोलिक क्षेत्र के विद्यालयों को प्राथमिकता देने की बात कही। इसे लेकर आदेश जारी किया गया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि 2016 में एक षड्यंत्र के तहत भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को तहस-नहस करने की कोशिश की है। महागठबंधन की सरकार बुनियाद बनाने में लगी हुई है, जिससे बच्चों की पढ़ाई मजबूत हो। वर्ष 2000 में अलग झारखंड में प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने भू-अभिलेख विधानसभा में लाया था, जो सही था। भाजपा ने इसे खारिज करते हुए बाबूलाल मरांडी को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया। इसके साथ ही साथ बिहार के दो युवकों द्वारा पीआर दर्ज कर दिया गया। आज वह नीति लागू होती तो एक भी पद खाली नहीं रहता। भू-अभिलेख बिहार, बंगाल, ओडिशा में लागू है, पर झारखंड में लागू होने नहीं दिया जा रहा है। आज झारखंड की स्थिति के लिए पूर्व की भाजपा सरकार है। उन्होंने कहा 1932 का खतियान पास किए जाति जनगणना को लाया जा रहा है जिसे हम लोग स्वागत कर रहे हैं, लेकिन सरना धर्म कोड को मान्यता के बाद ही जाति जनगणना होने दिया जाएगा। ऐसा नहीं होने पर इसका झामुमो और सरना धर्म मानने वाले विरोध करेंगे। मौके पर झामुमो के प्रखंड अध्यक्ष दुर्गा चरण मुर्मू, जगदीश भगत वकील हेम्बम काजल डॉन, निर्मल चक्रवर्ती, कालीपोदो गोराई, काला सरकार, दुलाल चंद हांसदा आदि मौजूद थे।

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