अस्पताल में डॉक्टरों की कमी,मरीजों की बढ़ती समस्याएं
चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से लचर हैं। 71 हजार की आबादी में केवल एक डॉक्टर की तैनाती है, जो अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। महिला डॉक्टरों की कमी और नियमित ड्यूटी पर न...

चैनपुर, प्रतिनिधि। चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से राम भरोसे चल रही हैं। 71 हजार की आबादी वाले इस क्षेत्र में मात्र एक डॉक्टर की पोस्टिंग है, और वे भी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। अस्पताल में सात डॉक्टर के पद सृजित हैं,लेकिन इसके बावजूद एक ही डॉक्टर की तैनाती है। महिला डॉक्टरों का अभाव यहां गहरा संकट बन चुका है,और महिला डेंटल डॉक्टर की पोस्टिंग भी महज औपचारिकता बनकर रह गई है।चैनपुर अस्पताल में 12 सीएचओ की पोस्टिंग है,लेकिन वे भी नियमित रूप से ड्यूटी पर नहीं आते। आउटसोर्सिंग से 40 से 45 एएनएम की तैनाती है, लेकिन वे भी अक्सर अनुपस्थित रहते हैं। अस्पताल में लैंब टैक्निशियन की पोस्टिंग है,लेकिन वह भी कभी कभार ही अस्पताल आते हैं। ऐसे में अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से लचर हो चुकी हैं। रविवार को कुछ मरीज स्वास्थ्य उपचार के लिए पहुंचे,तो डॉक्टर के केबिन में ताला लटका हुआ था। ड्यूटी पर तैनात नर्स से पूछने पर पता चला कि ओपीडी सेवा रविवार को बंद रहती है। अस्पताल के प्रभारी डॉ. डीएन ठाकुर भी लापता रहते हैं। जिससे अस्पताल का संचालन पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है। फलस्वरूप चैनपुर के लोग अब निजी क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेने को मजबूर हैं। जिससे कई बार लोगों की जान भी चली जाती है। वहीं वर्षों से चैनपुर सीएचसी खपरैल मकान में संचालित यह अस्पताल खुद बीमार दिखाई देता है।
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