Outsourcing Workers Protest for Salary and EPF Issues in Giridih Health Department स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन और इपीएफ में गड़बड़ी, Gridih Hindi News - Hindustan
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स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन और इपीएफ में गड़बड़ी

गिरिडीह में स्वास्थ्य विभाग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को वेतन और इपीएफ से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जे एल के एम ने सरकार के खिलाफ आंदोलन की घोषणा की है। पहले चरण में 24 मार्च को काला...

Newswrap हिन्दुस्तान, गिरडीहSun, 23 March 2025 04:55 PM
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स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्सिंग कर्मियों के वेतन और इपीएफ में गड़बड़ी

गिरिडीह, प्रतिनिधि। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को उनके मासिक वेतन और इपीएफ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों को लेकर पहले भी आंदोलन किए गए थे, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है। इसको लेकर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जे एल के एम) ने एक बार फिर सरकार और प्रशासन के खिलाफ आवाज बुलंद करने का फैसला किया है। जे एल के एम के केंद्रीय सचिव नागेंद्र चंद्रवंशी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग गिरिडीह में काम करनेवाली आउटसोर्सिंग कंपनी डिटेक्टिव फोर्स प्रा. लि. द्वारा कर्मचारियों के वेतन में कटौती और इपीएफ में गड़बड़ी की जा रही है। इस समस्या को लेकर 18 जनवरी 2025 को ही पार्टी द्वारा गिरिडीह के उपायुक्त, झारखंड सरकार के स्वास्थ्य मंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा गया था। बावजूद इसके, अब तक किसी भी स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

तीन चरणों में होगा आंदोलन : जे एल के एम ने इस बार तीन चरणों में आंदोलन करने की घोषणा की है। 24 मार्च को सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारी काला बिल्ला लगाकर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे। यह प्रदर्शन बिना किसी बाधा के शांतिपूर्ण रहेगा और सरकार व प्रशासन को चेतावनी देने का पहला कदम होगा। 2 अप्रैल को सरकार और प्रशासन की निष्क्रियता के विरोध में मशाल जुलूस निकाला जाएगा। यह जुलूस गिरिडीह शहर के विभिन्न इलाकों से गुजरकर जिला प्रशासन को अपनी मांगों पर कार्रवाई के लिए मजबूर करेगा। फिर 7 अप्रैल को यदि इन दोनों चरणों के बाद भी प्रशासन और सरकार ने कोई उचित कार्रवाई नहीं की, तो जिला मुख्यालय के समक्ष विशाल धरना प्रदर्शन किया जाएगा। इस धरने में जिलेभर के आउटसोर्सिंग कर्मचारी शामिल होंगे और सरकार से सीधी कार्रवाई की मांग करेंगे।

कर्मचारियों के परिवारों पर पड़ रहा असर : आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का कहना है कि वेतन में कटौती और इपीएफ में गड़बड़ी के कारण उनका जीवनयापन कठिन हो गया है। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है और बच्चों की शिक्षा तक प्रभावित हो रही है। कई कर्मचारियों को पिछले महीनों का वेतन भी समय पर नहीं मिला है, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गई है।

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