श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया सूर्याही पर्व
बेंगाबाद में सूर्य उपासना का सूर्याही पर्व श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ मनाया गया। यह पर्व हर पांच वर्षों में आता है और इसमें भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। पर्व के अंतिम दिन सफेद बकरे की बलि दी जाती...
बेंगाबाद, प्रतिनिधि। बेंगाबाद प्रखंड के भंवरडीह सहित कई अन्य गांवों में रविवार को श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ सूर्य उपासना का सूर्याही पर्व मनाया गया। इस पर्व को लेकर श्रद्धालु भक्तिभाव में डूबे रहे। सूर्याही व्रतधारी तारणी महतो, तारा देवी आदि ने इस पर्व की परंपरा के बारे मे जानकारी देते हुए कहा कि सूर्याही का यह पर्व प्रत्येक पांच वर्षों मे एक बार आता है। इसमें भी भगवान सूर्य की उपासना की जाती है। सूर्याही पर्व में तीन दिनों तक पूरे नियम और निष्ठा का पालन करना पड़ता है। कहा कि नहाय खाय के साथ पर्व की शुरुआत की जाती है और खरना आदि के नियमों का पालन होता है। सूर्य उपासना के इस पर्व के मौके पर सुख समृद्धि और स्वस्थ्य जीवन की भगवान सूर्य से कामना की जाती है। महिलाएं एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर अखंड सुहाग की कामना करती है। मान्यता है कि उपवास के दिन तालाब, पोखर में अस्ताचल गामी सूर्य भगवान की पूजा आराधना के बाद दूसरे दिन घर आंगन के तुलसी पिंड के पास उदयमान सूर्य भगवान को अर्ध्य अर्पित किया जाता है और बलि दी जाती है।
सफेद बकरे की बलि की है परंपरा : पांच वर्षों में एक बार होने वाले सूर्याही पर्व के अंतिम दिन सफेद बकरे की बलि देने की परंपरा रही है। यह परंपरा आज भी लोग मनाते आ रहे हैं। पर्व के मौके पर दूरदराज से नाते रिश्तेदार भी पहुंचते हैं और इस पर्व में शामिल होते हैं। जिससे गांव मे काफी भीड़ हो जाती है। बकरे की बलि के बाद पका हुआ मटन लोग प्रसाद के तौर पर ग्रहण करते हैं। सूर्याही पर्व को लेकर गांवों में भारी उत्साह का माहौल बना हुआ था।
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