हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के खिलाफ दायर याचिका वापस ली; इसलिए की थी अपील
मंगलवार को याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई। इस दौरान हेमंत सोरेन की ओर से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया गया। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी।

राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल के खिलाफ दायर याचिका वापस ले ली है। मुख्यमंत्री की ओर से ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के आरोपों के मद्देनजर चुनाव आयोग के फैसले की जानकारी नहीं देने और चुनाव आयोग के फैसले को सार्वजनिक करने के लिए वर्ष 2022 में याचिका दायर की थी।
इसके बाद आठ अगस्त 2024 को जस्टिस राजेश कुमार की बेंच में याचिका को सुनवाई के लिए पेश किया गया। लेकिन सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन की ओर से अपना पक्ष पेश करने के लिए कोई उपस्थित नहीं हुआ। इस स्थिति को देखते हुए न्यायालय ने याचिका की त्रुटि दूर करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया था। दिसंबर 2024 में याचिका फिर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की गयी। इस बार हेमंत सोरेन की ओर से पक्ष रखने के लिए समय की मांग की गयी।
मंगलवार को याचिका सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हुई। इस दौरान हेमंत सोरेन की ओर से याचिका वापस लेने का अनुरोध किया गया। अदालत ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी।
याचिका एक औपचारिक लिखित अनुरोध होता है। यह किसी व्यक्ति, अधिकारी, निकाय या अदालत को किसी विशेष कार्य या निर्णय के लिए किया जाता है। यह आम तौर पर किसी समस्या के समाधान, अनुमति प्राप्त करने या किसी निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए किया जाता है। याचिका कई तरह की हो सकती है। जनहित याचिका काफी चर्चित विषय है। इसके अलावा रिट याचिका, विशेष अनुमति याचिका भी होती हैं।